महादेव ने बाघ की खाल को अपना आसन क्यों बनाया :
जब भगवान विष्णु ने हिरण्याकश्यिप का वध करने के लिए नरसिंह अवतार धारण किया था तब वे आधे नर और आधे सिंह के रूप में में थे।
जब नरसिंह अवतार का लक्ष्य पूर्ण हुआ तब उस प्रसंग को सदैव के लिए अमर कर देने हेतु भगवान विष्णु के सुझाव पर महादेव ने नरसिंह के चोले को धारण कर लिया।
केवल आसन नहीं बनाया बल्कि अपने शरीर पर वस्त्र के समान धारण किया।
यानी भगवान शिव का जो आसन है वह भगवान विष्णु के नर+सिंह का आवरण है। किसी जानवर की खाल नहीं है।