मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है.. जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है.

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।

अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव, तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।

जीवन में कभी निराशनही होना चाहिए क्योंकि कमजोर आपका वक़्त होता आप नही..!

जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत कीजिये, आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं।