जिसके मन में राम , तन में राम स्वास के कण-कण में राम भक्त प्रिय लागे जो मेरे प्यारे हनुमान।।
कण-कण में शिव का वास है जन-जन में व्याप्त श्री राम मां जानकी हृदय बिराजे, मन को भावे श्री हनुमान।।
श्रीराम का वरदान जिसे है गदा है जिसकी शान भक्तों के जो प्रिय हैं संकट मोचन हनुमान।।
बजरंगी जिनका नाम है , दुख संकट हरना काम ऐसे श्री भगवान को बारंबार प्रणाम।।