लडडू जिनका भोग है, मूषक है सवारी, सुखकर्ता दुखहर्ता जग पालन कारी।

Bhajan Sangrah

गणपति है जग में सबसे निराला दुख के समय भी आपने संभाला। ।

Bhajan Sangrah

गणपति का रूप निराला है, चेहरा भी कितना भोला भाला है, जिसे भी आती है कोई मुसीबत, उसे बप्पा ने है तो संभाला है।

Bhajan Sangrah

तेरे बिना यह दुनिया मुझको लगता बिल्कुल सुना है जब तू रहता है साथ तो खुशियां मिलती दुगुना है। ।

Bhajan Sangrah

गणपति के नाम से विघ्न बाधा टल जाते हैं जो कोई प्यार से पुकारे उसके ही हो जाते हैं। ।