F:- युगो युगो से बह रही ,तेरी अमृत धार
मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
1.
F:- नमो नमो मां मोक्ष दायनी
कोरस :- नमो नमो मां मोक्ष दायनी
F:- नमो नमो मां जगत तारनी
कोरस :- नमो नमो मां जगत तारनी|
F:- नमो नमो मां पापनाशिनी
कोरस :- नमो नमो मां पापनाशिनी
F:- नमो नमो शिव जटावासनी
कोरस :- नमो नमो शिव जटावासनी
F:- कपिल मुनि के श्राप के मारे
कोरस :- कपिल मुनि के श्राप के मारे
F:- जले सगर के सुत जब सारे
कोरस :- जले सगर के सुत जब सारे
F:- पुरखों के उद्धार के लिए
कोरस :- पुरखों के उद्धार के लिए
F:- बहुत जतन बेटों ने किए
कोरस :- बहुत जतन बेटों ने किए
F:- लेकिन कुछ भी करना पाए
कोरस :- लेकिन कुछ भी कर ना पाए
F:- फिर आगे भागीरथ आए
कोरस :- फिर आगे भागीरथ आए
F:- गंगे मां की करी तपस्या
कोरस :- गंगे मां की करी तपस्या
F:- बतला दीनी अपनी समस्या
कोरस :- बतला दीनी अपनी समस्या
F:- गंगा बोली मैं कैसे आऊं
कोरस :- गंगा बोली मैं कैसे आऊं
F:- वेग के कारण टिक ना पाऊं
कोरस :- वेग के कारण टिक ना पाऊं
F:- पुरखों का उद्धार जो चाहो
कोरस :- पुरखों का उद्धार जो चाहो
F:- शिव शंकर को तुरत मनाओ
कोरस :- शिव शंकर को तुरत मनाओ
F:- मेरा वेग सभालें केबल ,शिव शंकर त्रिपरार
मां गंगे जन जन पर , हैं तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
2
F:- भागीरथ ने बन में जाकर
कोरस :- भागीरथ ने बन में जाकर
F:- शिव को पूजा ध्यान लगाकर
कोरस :- शिव को पूजा ध्यान लगाकर
F:- खुश होकर शंकरजी आए
कोरस :- खुश होकर शंकरजी आए
F:- भागीरथ ने भजन सुनाए
कोरस :- भागीरथ ने भजन सुनाए
F:- है मेरी एक विनय आपसे
कोरस :- है मेरी एक विनय आपसे
F:- पुरखे तारो कपिल श्राप से
कोरस :- पुरखे तारो कपिल श्राप से
F:- गंगा जी का वेग संवारो
कोरस :- गंगा जी का वेग संवारो
F:- भोले मेरा दुःख निबारो
कोरस :- भोले मेरा दुःख निबारो
F:- पल की करी ना शिव ने देरी
कोरस :- पल की करी ना शिव ने देरी
F:- अपने सिर की जटा बिखेरी
कोरस :- अपने सिर की जटा बिखेरी
F:- स्वर्ग लोक से निकली गंगा
कोरस :- स्वर्ग लोक से निकली गंगा
F:- शिव की जटा में उलझी गंगा
कोरस :- शिव की जटा में उलझी गंगा
F:- हुए भागीरथ खुशी अपारा
कोरस :- हुए भागीरथ खुशी अपारा
F:- आ गयी धरा पर गंगे धारा
कोरस :- आ गयी धरा पर गंगे धारा
F:- आगे आगे चले भगीरथ
कोरस :- आगे आगे चले भगीरथ
F:- पीछे गंगा चल दी झूमत
कोरस :- पीछे गंगा चल दी झूमत
F:- कपिल मुनि के आश्रम जाके,दिए सगर के बेटे तार
मां गंगे जन जन पर , हैं तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
3.
F:- हुई गौतम से जब गौहत्या
कोरस :- हुई गौतम से जब गौहत्या
F:- सारा जीवन हो गया मिथ्या
कोरस :- सारा जीवन हो गया मिथ्या
F:- जीवन में छा गया अंधेरा
कोरस :- जीवन में छा गया अंधेरा
F:- पश्चाताप ने डाला डेरा
कोरस :- पश्चाताप ने डाला डेरा
F:- गौ हत्या से मुक्ति पाने
कोरस :- गौ हत्या से मुक्ति पाने
F:- गौतम लागे युक्ति सुझाने
कोरस :- गौतम लागे युक्ति सुझाने
F:- एक ब्राह्मण आकर बोला
कोरस :- एक ब्राह्मण आकर बोला
F:- मेरे बचन सुनो अनमोला
कोरस :- मेरे बचन सुनो अनमोला
F:- गंगा जल की कर लो युक्ति
कोरस :- गंगा जल की कर लो युक्ति
F:- तभी मिलेगी तुमको मुक्ति
कोरस :- तभी मिलेगी तुमको मुक्ति
F:- गौतमजी ने शिव को मनाया
कोरस :- गौतमजी ने शिव को मनाया
F:- दर्शन पाकर हाल सुनाया
कोरस :- दर्शन पाकर हाल सुनाया
F:- गौ हत्या का दोष मिटाओ
कोरस :- गौ हत्या का दोष मिटाओ
F:- गंगा जल से मुझे नहलाओ
कोरस :- गंगा जल से मुझे नहलाओ
F:- गंगा जल शंकर ने दिया
कोरस :- गंगा जल शंकर ने दिया
F:- दोष मुक्त गौतम को किया
कोरस :- दोष मुक्त गौतम को किया
F:- गंगा जल से गौ हत्या का ,मिट गया दोष विकार
मां गंगे जन जन पर , हैं तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
4.
F:- नमो नमो गंगे महारानी
कोरस :- नमो नमो गंगे महारानी
F:- अमृत रूपी तेरा पानी
कोरस :- अमृत रूपी तेरा पानी
F:- जल से होय निरोगी काया
कोरस :- जल से होय निरोगी काया
F:- अजब अनोखी तेरी माया
कोरस :- अजब अनोखी तेरी माया
F:- धोबी तुझमें कपड़ा धोता
कोरस :- धोबी तुझमें कपड़ा धोता
F:- मोची तुझमें चमड़ा धोता
कोरस :- मोची तुझमें चमड़ा धोता
F:- कोई जल से बजू बनाए
कोरस :- कोई जल से बजू बनाए
F:- कोई जल में मेल छुड़ाए
कोरस :- कोई जल में मेल छुड़ाए
F:- कोई अपनी प्यास बुझाता
कोरस :- कोई अपनी प्यास बुझाता
F:- कोई नहाकर पाप मिटाता
कोरस :- कोई नहाकर पाप मिटात
F:- रंक हो राजा या सौदागर
कोरस :- रंक हो राजा या सौदागर
F:- तेरे लिए सब एक बराबर
कोरस :- तेरे लिए सब एक बराबर
F:- भेद भाव सब बिसरा दिया
कोरस :- भेद भाव सब बिसरा दिया
F:- जब सिक्का रै दास कालिया
कोरस :- जब सिक्का रै दास कालिया
F:- होता तुझमें अस्थि विसर्जन
कोरस :- होता तुझमें अस्थि विसर्जन
F:- फिर भी रहता जल तेरा पावन
कोरस :- फिर भी रहता जल तेरा पावन
F:- तेरी महिमा समझ सके ना ,दुनियां के नर नार
मां गंगे जन जन पर , हैं तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
5.
F:- स्वर्ग लोक में बास तुम्हारा
कोरस :- स्वर्ग लोक में बास तुम्हारा
F:- मनोज लोक में बास तुम्हारा
कोरस :- मनोज लोक में बास तुम्हारा
F:- विष्णु पदी भी आप कहाती
कोरस :- विष्णु पदी भी आप कहाती
F:- ब्रह्मा लली भी आप कहाती
कोरस :- ब्रह्मा लली भी आप कहाती
F:- देव तुम्हें सुर सरि बुलाते
कोरस :- देव तुम्हें सुर सरि बुलाते
F:- तेरे चरणों में शीश झुकाते
कोरस :- तेरे चरणों में शीश झुकाते
F:- कल-कल करती धारा बहती
कोरस :- कल-कल करती धारा बहती
F:- भक्तजनों के पातक हरती
कोरस :- भक्तजनों के पातक हरती
F:- उद्गगम से गोमुख से तुम्हारा
कोरस :- उद्गगम से गोमुख से तुम्हारा
F:- हरिद्वार है पहला द्वारा
कोरस :- हरिद्वार है पहला द्वारा
F:- हरिद्वार से गंगा सागर
कोरस :- हरिद्वार से गंगा सागर
F:- रूप तुम्हारा दिव्य दिवाकर
कोरस :- रूप तुम्हारा दिव्य दिवाकर
F:- कुंभ दशहरा मकर संक्रांति
कोरस :- कुंभ दशहरा मकर संक्रांति
F:- पर्व बांटते पुण्य और शांति
कोरस :- पर्व बांटते पुण्य और शांति
F:- नहाकर मावस पूर्ण मासी
कोरस :- नहाकर मावस पूर्ण मासी
F:- कट जाती योनि चौरासी
कोरस :- कट जाती योनि चौरासी
F:- कहें अनाड़ी गंगे मैया करती भव से पार
मां गंगे जन जन पर , हैं तेरे बड़े उपकार
कोरस :- मां गंगे जन-जन पर ,है तेरे बड़े उपकार-2
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।