Current Date: 22 Dec, 2024

यही रात अंतिम यही रात भारी (Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari)

- Ravindra Jain, Arun Dangle and Chandrani Mukherjee


यही रात अंतिम यही रात भारी लिरिक्स हिंदी में (Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari Lyrics in Hindi)

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
यही रात अंतिम यही रात भारी ।

इस भजन से श्री श्याम होते हैं प्रशन्न: सेवक

नहीं बंधू बांधव ना कोई सहायक,
अकेला है लंका में लंका का नायक,
सभी रत्न बहुमूल्य रण में गंवाए,
लगे घाव ऐसे की भर भी ना पाए,
दशानन इसी सोच में जागता है,
की जो हो रहा उसका परिणाम क्या है,
ये बाजी अभी तक ना जीती ना हारी ।

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
यही रात अंतिम यही रात भारी ।

खाटू श्याम को अर्जी लगाने वाला भजन: डंके की चोट पे

वो भगवान मानव तो समझेगा इतना,
की मानव के जीवन में संघर्ष कितना,
विजय अंततः धर्म वीरों की होती,
पर इतना सहज भी नही है ये मोती,
बहुत हो चुकी युद्ध में व्यर्थ हानि,
पहुँच जाए परिणाम तक अब कहानी,
वचन पूर्ण हो देवता हो सुखारी ।

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
यही रात अंतिम यही रात भारी ।

श्याम जी के इस भजन से मिलती है कष्टों से मुक्ति: कहना मत श्याम किसी से

समर में सदा एक ही पक्ष जीता,
जय होगी मंदोदरी या के सीता,
किसी मांग से उसकी लाली मिटेगी,
कोई एक ही कल सुहागन रहेगी,
भला धर्म से पाप कब तक लड़ेगा,
या झुकना पड़ेगा या मिटाना पड़ेगा,
विचारों में मंदोदरी है बेचारी ।

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
यही रात अंतिम यही रात भारी ।

लखदातार श्याम जी का अद्भुत भजन: नैन तेरे मोटे मोटे

ये एक रात मानो यूगो से बड़ी है,
ये सीता के धीरज की अंतिम घड़ी है,
प्रतीक्षा का विष और कितना पिएगी,
बिना प्राण के देह कैसे जिएगी,
कहे राम राम अब तो राम आ भी जाओ,
दिखाओ दरश अब ना इतना रुलाओ,
की रो रो के मर जाए सीता तुम्हारी ।
यही रात अंतिम यही रात भारी…

यही रात अंतिम यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी,
यही रात अंतिम यही रात भारी ।

यही रात अंतिम यही रात भारी लिरिक्स अंग्रेजी में (Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari Lyrics in English)

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari,
Bas Ek Raat Ki Ab Kahani Hai Sari,
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari.

Shri Shyam is pleased with this hymn: Sewak

Nahi Bandhu Bandhav Na Koi Sahayak,
Akela Hai Lanka Me Lanka Ka Nayak,
Sabhi Ratna Bahumulya Ran Me Gavaye,
Lage Ghav Aise Ki Bhar Bhi Na Paaye,
Dashanan Ishi Soch Me Jagata Hai,
Ki Jo Ho Raha Hai Usaka Parinam Kya Hai,
Ye Baaji Abhi Tak Na Jeeti Na Hari.

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari,
Bas Ek Raat Ki Ab Kahani Hai Sari,
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari.

The most beautiful hymn of Kanhaiya Mittal ji: Danke Ki Chot Pe

Vo Bhagvan Manav To Samjhega Itana,
Ki Manav Ke Jeevan Me Sangharsh Kitana,
Vijaya Antatah Dharm Veero Ki Hoti,
Par Itana Sahaj Bhi Nahi Hai Ye Moti,
Bahut Ho Chuki Youdh Me Byarth Hani,
Pahuch Jaye Parinam Tak Ab Kahani,
Vachan Purn Ho Devata Ho Sukhari.

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari,
Bas Ek Raat Ki Ab Kahani Hai Sari,
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari.

This bhajan of Shyam ji gives freedom from sufferings: Kahna Mat Shyam Kisi Se

Samar Me Sada Ek Hi Paksh Jeeta,
Jay Hogi Mandodari Ya To Sita,
Bishya Maag Se Usaki Lali Mitegi,
Koi Ek Hi Kal Suhagan Rahegi,
Bhala Dharama Se Paap Kab Tak Ladega,
Ya Jhukana Padega Ya Mitana Padega,
Bicharo Me Mandodari Hai Bechari.

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari,
Bas Ek Raat Ki Ab Kahani Hai Sari,
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari.

Amazing hymn of Lakhdatar Shyam ji: Nain Tere Mote Mote

Ye Ek Raat Mano Yugo Se Badi Hai,
Ye Sita Ke Dheeraj Ki Antim Ghadi Hai,
Pratiksha Ka Bish Aur Kitana Piyegi,
Bina Pran Ke Deh Kaise Jiyegi,
Kahe Ram Ram Ab Ram Aa To Ram Bhi Jaao,
Dikhayo Darash Ab To Na Itana Rulao,
Ki Ro Ro Ke Mar Jaaye Sita Tumhari.
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari…

Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari,
Bas Ek Raat Ki Ab Kahani Hai Sari,
Yahi Raat Antim Yahi Raat Bhari.

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