ये खाटू वाला श्याम बाबा हरे का सहारा है
आया चढ़ के लीले पे जब भक्त ने पुकारा है
ये खाटू वाला श्याम बाबा .......................
पड़ी जब भी मुश्किल तो दिया श्याम ने सहारा है
दोहा
ये खाटू वाले श्याम , तेरी हर बात निराली है
तेरे दर आने वाला कभी गया न खाली
शरण में आयी मीरा उसको भी अपनाया है
पड़ी जब भी मुश्किल तो दिया श्याम ने सहारा है
पड़ी जब भी मुश्किल तो दिया श्याम ने सहारा है
श्याम बिन इस जग में कोई न हमारा है
ये खाटू वाला श्याम......................................
खेल खेला पांडव ने हार गए द्रोपदी को
दोहा
जब हो रहा था चीर हरण पांडवो को रानी को
जान थी बाकि पांडो में जिस्म पानी पानी था
अंत में करि द्रोपदी ने पुकार
है श्याम है श्याम है श्याम
खेल खेला पांडव ने हार गए द्रोपदी को
खेल खेला पांडव ने हार गए द्रोपदी को
सुन पुकार द्रोपदी की श्याम दौड़ा चला आया है
ये खाटू वाला.............................................
श्याम अपने भक्तो को मान बड़ा देते है
दोहा
श्याम के दर आने वालो पे श्याम की नजर होती है
जब नजर होती है तो श्याम को सब खबर होती है
और बिन मांगे ही भर देते है श्याम भक्तो की झोली
क्युकी श्याम को भी भक्तो की फ़िक्र होती है
श्याम अपने भक्तो को मान बड़ा देते है
श्याम अपने भक्तो को मान बड़ा देते है
श्याम ने तो शिवू का चमका दिया सितारा है
ये खाटू वाला.............................................
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