M:- यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें कभी न कभी
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
कोरस :- यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें
` दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
M:- यदि नाथ का नाम दयानिधि है
M:- जहाँ गिद्ध निषाद का आदर है जहाँ व्याध अजामिल का घर
कोरस :- जहाँ गिद्ध निषाद का आदर है जहाँ व्याध अजामिल का घर
M:- वही भेष बदल के उसी घर में वही भेष बदल के उसी घर में
हम जा ठहरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें कभी न कभी
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
कोरस :- यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
M:- यदि नाथ का नाम दयानिधि है
M:- जिस अंग की शोभा सुहावनी है जिस श्यामल रंग में मोहिनी है
कोरस :- जिस अंग की शोभा सुहावनी है जिस श्यामल रंग में मोहिनी है
M:- उसी रूप सुधा से स्नेहियो के उसी रूप सुधा से स्नेहियो के
दृग प्याल भरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें कभी न कभी
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
कोरस :- यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
M:- यदि नाथ का नाम दयानिधि है
M:- हम द्वार पे आपके आ के खड़े मुद्दत से इसी जिद्द पर है अड़े
कोरस :- हम द्वार पे आपके आ के खड़े मुद्दत से इसी जिद्द पर है अड़े
M:- अब सिंधु तरे जो बड़े से बड़े अब सिंधु तरे जो बड़े से बड़े
देवेंद्र भी तरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें कभी न कभी
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
कोरस :- यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगें
दुखहारी हरि, दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे।कभी न कभी
M:- यदि नाथ का नाम दयानिधि है
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