घाटे वाले की महिमा बड़ी याद कर ले घड़ी दो घड़ी
और कुछ भी ना तुझको बने तो सिर झुका ले घड़ी दो घड़ी
तुम ही मालिक का ऐश्वर्य हो
तुम ही मालिक का माधुर्य हो
तूने पैदा किया है जहां
प्यार से पाला पोसा हमें
तेरी महिमा निराली बड़ी
घाटे वाले की महिमा………………….
जिस पर कर दे निगाहे करम
उसके मिट जाए सारे भरम
जिसको तेरा ही एक आसरा
उसको तूने सम्हारा जहां
दो जहां की तुझे क्या पड़ी
याद कर ले घड़ी दो घड़ी
घाटे वाले की महिमा………………
हम हैं नादान बालक तेरे
नहीं पहचान तुझको सके
अगर तू ही है मेरे बाबा
तू न भूलेगा संतान को
जो बना देगा वह है सही
याद कर ले घड़ी दो घड़ी
घाटे वाले की महिमा………………
कितना बेजार बेहाल हूँ
आखिर तेरा ही बांदिल हूं
और ज्यादा ना कर खेल बाबा
मुझ को आकर संभालो बाबा
लाज चरणों में तेरे पड़ी
याद कर ले घड़ी दो घड़ी
घाटे वाले की महिमा………………
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।