Current Date: 17 Nov, 2024

वो दिन कभी ना आये

- संजय मित्तल जी।


वो दिन कभी ना आये,
बाबा तुम्हे भुला दे,
गर जो तुम्हे भुला दे,
गर जो तुम्हे भुला दे,
तो हस्ती मेरी मिटा दे,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

करके तुम्हारी चर्चा,
जीवन के दिन बिताएं,
प्रेमी से तेरे मिलकर,
रिश्ता नया बनाएं,
करता जो प्रेम तुमसे,
करता जो प्रेम तुमसे,
उनसे हमें मिला दे,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

सुनले मेरी हकीकत,
तुझसे ही मेरी इज्जत,
जो कुछ दिया है तूने,
करता तू ही हिफाजत,
जिस बाग का तू माली,
जिस बाग का तू माली,
उजड़ा चमन खिला दे,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

भक्ति में क्या असर है,
महसूस कर रहा हूँ,
तेरी दया से बाबा,
आगे ही बढ़ रहा हूँ,
जैसा भी हूँ मैं तेरा,
जैसा भी हूँ मैं तेरा,
मुझको तू ही निभाए,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

आनंद बरस रहा है,
पथ पे तुम्हारे चलकर,
शक्ति बड़ी मिली है,
भक्ति का प्याला पीकर,
मंजिल मेरी तू ही है,
मंजिल मेरी तू ही है,
रस्ता तू ही दिखा दे,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

वो दिन कभी ना आये,
बाबा तुम्हे भुला दे,
गर जो तुम्हे भुला दे,
गर जो तुम्हे भुला दे,
तो हस्ती मेरी मिटा दे,
वो दिन कभी ना आए,
बाबा तुम्हे भुला दे।।

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