मां चंद्रघंटा की कथा हिंदी में
Navratri third day 2022: मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। माथे पर आधा चाँद ही इनकी पहचान है। इसी अर्धचंद्र के कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां को राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं। इसलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष है। इनके उद्गम का कारन धर्म की रक्षा करना और संसार से अंधकार को दूर करना था। ऐसा माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले को संसार में यश, कीर्ति और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। माता का रूप अत्यंत कोमल और शांति से परिपूर्ण है। अपने सिंह पर सवार माता का रूप यह सोने की तरह चमकता है। दस हाथों में कमल और कमंडल के अलावा शस्त्र हैं। अपने वाहन सिंह पर सवार माता का यह रूप दुष्टों से लड़ने और उनका नाश करने के लिए तैयार रहता है। चंद्रघंटा को वाणी की देवी भी कहा जाता है।
पूजा अनुष्ठान...
भक्तों को मां की पूजा में विशेष रूप से लाल रंग के फूल चढ़ाने चाहिए। फल में लाल सेब भी चढ़ाएं। भोग लगाते समय और मंत्र जाप करते समय मंदिर की घंटी जरूर बजाएं, क्योंकि मां चंद्रघंटा की पूजा में घंटी का बहुत महत्व होता है।
घंटी की आवाज से मां की कृपा बरसती है
ऐसा माना जाता है कि मां चंद्रघंटा हमेशा अपने भक्तों पर घंटी की आवाज से अपनी कृपा बरसाती हैं। मां को दूध और उससे बनी चीजें चढ़ाएं। पूजा के बाद भी दान-पुण्य की जाती है। मखाने की खीर का भोग लगाना बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से माता प्रसन्न होती है और दुखों का नाश करती है।
माता चंद्रघंटा की आरती
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान।
मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥
दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।
घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥
सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर।
करती विपदा शांति हरे भक्त की पीर॥
मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान।
जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥
अपने शांत स्वभाव से सबका करती ध्यान।
भव सागर में फंसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण॥
नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां।
जय मां चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा॥
Story of Maa chandraghanta in English
Navratri third day 2022: The name of the third power of Maa Durga is Chandraghanta. Half-moon on the forehead is their identity. Because of this crescent moon, she is called Chandraghanta. Maa is known to slay demons.
It is believed that she removes the miseries of her devotees. That's why she holds a sword, a trident, a mace and a bow in her hands. The reason for their origin was to protect religion and remove darkness from the world. It is believed that the worship of Maa Chandraghanta provides spiritual strength to the seeker. One who recites Durga Saptashati gets fame and respect in the world. Mother's form is very soft and full of peace. The form of a mother riding on her lion, it shines like gold. Apart from lotus and kamandal in ten hands, there are weapons. This form of Mata riding on her vehicle Lion is ready to fight and destroy the wicked. Chandraghanta is also called the goddess of speech.
worship rituals...
Devotees should especially offer red colored flowers in the worship of the mother. Offer red apples to the fruit. While offering bhog and chanting the mantra, definitely ring the temple bell, because the bell is of great importance in the worship of Maa Chandraghanta.
Mother's grace showers with the sound of bell
It is believed that Maa Chandraghanta always showers her blessings on her devotees with the sound of a bell. Offer milk and things made from it to the mother. Even after worship, Charity is done even after worship. Offering Makhana kheer is considered very good, because doing so pleases the mother and destroys sorrows.
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