कोरस :- सावित्री माँ जय हो माँ जय हो माँ सावित्री माँ
F:- पर्व वट सावित्री का मनाएं उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ
कोरस :- पर्व वट सावित्री का मनाएं उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ
F:- सावित्री माँ को ध्यायेंगे हर दम
बोले मन की तरंग ,रहें सदा सुहागन -2
कोरस :- बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
1.
F:- वट वृक्ष की परि, क्रमा लगायें बाँध लाल धागा, दीये हम जलाएं
कोरस:- वट वृक्ष की परि, क्रमा लगायें बाँध लाल धागा, दीये हम जलाएं
F:- करके जल अर्पण हम करें पूजन -2
जब तक हो अपनी साँसों में ये दम
बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :- बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
2.
कोरस :- सावित्री माँ जय हो माँ जय हो माँ सावित्री माँ
F:- करें तेरी पूजा और , कहे दिल ये मेराखुशियों में अपने छाये, कभी न अँधेरा
कोरस :- करें तेरी पूजा और , कहे दिल ये मेराखुशियों में अपने छाये, कभी न अँधेरा
F:- करूँ ये कामना सब सुखी होवे माँ -२
कभी छू भी न पाए कोई ग़म
बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :- बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
3.
F:- पर्व वट सावित्री का मनाएं उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ
कोरस :- पर्व वट सावित्री का मनाएं उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ
F:- सावित्री माँ को ध्यायेंगे हर दम
बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :- बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
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