Current Date: 22 Nov, 2024

वट सावित्री

- Tara Devi


कोरस :-     सावित्री माँ जय हो माँ जय हो माँ सावित्री माँ
F:-    पर्व वट सावित्री का  मनाएं उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ 
कोरस :-    पर्व वट सावित्री का  मनाएं  उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ  
F:-    सावित्री माँ  को  ध्यायेंगे हर दम 
    बोले मन की तरंग ,रहें सदा सुहागन -2
कोरस :-    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
                1.
F:-    वट वृक्ष की परि, क्रमा लगायें बाँध लाल धागा, दीये हम जलाएं 
कोरस:-    वट वृक्ष की परि, क्रमा लगायें बाँध लाल धागा, दीये हम जलाएं
F:-    करके जल अर्पण हम  करें पूजन -2 
    जब तक हो अपनी साँसों में ये दम 
    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :-    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
                2.
कोरस :-     सावित्री माँ जय हो माँ जय हो माँ सावित्री माँ
F:-    करें  तेरी पूजा और , कहे दिल  ये मेराखुशियों में अपने छाये, कभी न अँधेरा 
कोरस :-    करें  तेरी पूजा और , कहे दिल  ये मेराखुशियों में अपने छाये, कभी न अँधेरा
F:-    करूँ ये कामना सब सुखी होवे माँ -२ 
    कभी छू भी न पाए कोई ग़म 
    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :-    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2

            3.
F:-    पर्व वट सावित्री का  मनाएं  उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ  
कोरस :-    पर्व वट सावित्री का  मनाएं  उम्र स्वामी की लम्बी कर आएँ  
F:-    सावित्री माँ  को  ध्यायेंगे हर दम 
    बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2
कोरस :-     बोले मन की तरंग , रहें सदा सुहागन -2

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