उठ नित सुबह, जप शिव नाम ,निर्मल मन के साथ
उठ नित सुबह, जप शिव नाम ,निर्मल मन के साथ
चाहे कहो गंगा धर ,चाहे कहो शिव शंकर
भोलेनाथ, हरदम साथ , क्या जाने, हो दर्शन कहीं
कोरस -उठ नित सुबह, जप शिव नाम ,निर्मल मन के साथ
भोले की जिसपे होती कृपा, उसके दुःख वो देते मिटा
शिव के दुआरे ,मिलते सहारे , पाते नयी ज़िन्दगी
भोले की जिसपे ---
भोलेनाथ, हरदम साथ , न जाने, हो जाए, दर्शन कहीं
भक्ति में रंग लो तन मन,कर लो सफल अपना जीवन
जब भी पुकारो, मन से प्रभु को ,पाओगे पास वहीँ
भक्ति ...
भोलेनाथ, हरदम साथ , क्या जाने हो दर्शन कहीं
दुष्टों के आगे ढाल हैं वो ,कालों के महाकाल हैं वो ,
जो भी इनकी, कर ले भक्ति ,उसका हो कल्याण
दुष्टों ......
भोलेनाथ, हरदम साथ , क्या जाने, हो दर्शन कहीं
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