Current Date: 18 Nov, 2024

उड़ जा काला कागला

- उमा लहरी जी।


उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे,
श्लोक
जो मै ऐसा जानती, प्रीत करे दुख होय,
नगर ढिंढोरा पीटती, प्रीत ना करिये कोई।


उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे,
बाबा को ल्यादे रे सन्देश बावरा,
उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे।।


काली काली पाँखा तेरी मोर सी रंगाऊ रे,
सोनी ने बुला के तेरी चोंच मैं मंड़वाउ रे,
खीर मैं खुवाउ रे,
खीर मैं खुवाउ रे,
खीर मैं खुवाउ जीमण भात भात रा हो ओ,
उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे।।


सांवरियो में जाजी बाबो, जागे है के सूत्यो रे,
साँची तू बता वोके भक्ता ने भूल्यो रे,
बेगो जा सुणा दे रे,
बेगो जा सुणा दे रे,
बेगो जा सुणा दे रे सन्देश बावरा हो ओ,
उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे।।


भगत अनोखा तेरा तू भी है अनोखो रे,
झोली भरया जावे जो तू लागे चोखो चोखो रे,
लहरी उडीका रे,
लहरी उडीका रे,
लहरी उडीका रे दिन रात सांवरा हो ओ,
उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे।।


उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे,
बाबा को ल्यादे रे सन्देश बावरा,
उड़ जा काला कागला सांवरियो आवे रे।।

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