Current Date: 18 Dec, 2024

Chhath Puja 2023: छठी मैया को मनाने के लिए चढ़ाए जाते हैं ये 8 तरह के प्रसाद, जानें इनके पीछे का महत्व

- Bhajan Sangrah


महापर्व छठ का त्यौहार आ चूका है. छठ का त्यौहार चार दिनों तक मनाया जाता है. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम में सूर्य अर्घ्य से चौथे दिन सुबह अर्घ्य पर समापन होता है. छठ पूजा में प्रसाद और अलग-अलग फलों को चढ़ाने की मान्यता है. माना जाता है कि छठी मईया को ये सारे फल बहुत ज्यादा पसंद है. इनका भोग लगाने से मईया सबसे ज्यादा प्रसन्न होगी. आइए जानते हैं इन फलों के बारे में.

 

ठेकुआ 

छठ पूजा में वैसे तो बहुत तरह के चढ़ाए जाते हैं लेकिन उसमें सबसे मुख्य ठेकुए का प्रसाद होता है. इसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ की पूजा ठेकुआ के बिना अधूरी मानी जाती है. सेहत के लहजे से देखे तो गुड़ खाना बेहद फायदेमंद होता है.

 

केला

केला छठी मईया का पसंदीदा फलों में से एक है. केला शुद्ध फल माना जाता है. छई मईया को प्रसन्न करने के लिए लोग कच्चा केला भी चढ़ाते हैं. पूजा में कच्चे केले को घर लाकर पकाया जाता है ताकि फल झूठा न हो जाएं.

 

डाभ नींबू

डाभ नींबू सामान्य नींबू से आकर में बड़ा होता है. इसका स्वाद खट्टा–मीठा होता है. आकर बड़ा होने से इसे पशु-पक्षी खा नहीं पाते हैं. छठी मईया को प्रसाद के रूप में यह नींबू भी चढ़ाना चाहिए.

 

नारियल

छठ के त्योहार में नारियल चढ़ाने का महत्व है. माना जाता है की छठ में नारियल चढ़ाने से घर में लक्ष्मी आती है.

 

गन्ना

जिस तरह छठ पूजा में नारियल चढ़ाने का महत्व है उसी तरह गन्ने का भी महत्व है. छठ पूजा में गन्ने से बने गुड़ का इस्तेमाल भी प्रसाद में किया जाता है. कई लोग गन्ने का घर बनाते हैं, उसमें पूजा करते हैं. मान्यता है कि छठी मईया घर में सुख–समृद्धि लाती है. छठी मईया को गन्ना बहुत प्रिय है.

 

सुथनी

सुथनी मिट्टी से निकलता है, इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है. सुथनी का इस्तेमाल छठ पूजा में होता है. इसमें कई आयुर्वेदिक गुण होते हैं. सुथनी खाने में शकरकंदी की तरह होता है.

 

सुपारी

हिंदू धर्म की किसी भी पूजा में सुपारी चढ़ाने का खास महत्व है. किसी भी पूजा का संकल्प बिना पान सुपारी नहीं होता है. वेदों की माने तो सुपारी पर देवी लक्ष्मी का प्रभाव माना जाता है.

 

सिंघाड़ा

पानी में रहने के कारण जल सिंघाड़ा सख्त हो जाता है, इसलिए पशु-पक्षी झूठा नहीं कर पाते है. यह लक्ष्मी का प्रिय फल माना जाता है. साथ ही इस फल में बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं.

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