तूने दर पे बुलाया भोलेनाथ रे
तूने हर्ली विपदा सारी तेरी जय हो हे भंडारी
सिर दर पे जुकाया बन गई बात रे
तूने हर्ली विपदा सारी तेरी जय हो हे भंडारी
तेरी मूरत प्यारी प्यारी तेरी जटा में गंगा न्यारी
हो बरसे किरपा तेरी दिन और रात रे
तूने हर्ली विपदा सारी तेरी जय हो हे भंडारी
माथे चंदा आप विराजे गल सर्पं की माला साजे
संग गणपति और गोरा मात रे
तूने हर्ली विपदा सारी तेरी जय हो हे भंडारी
बाबा तेरे खेल निराले खोल दिए किस्मत के ताले
अब तो बत्रा भी भोले तेरा दास रे
तूने हर्ली विपदा सारी तेरी जय हो हे भंडारी
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