तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे,
तू रूठा है फिर भी,
तू रूठा है फिर भी मना के रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
तर्ज – नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी।
ओ मुरली मनोहर फिदा दिल मेरा है,
मेरे जिस्म का हर एक पुर्जा तेरा है,
ह्रदय बिन को हम,
ह्रदय बिन को हम बजाके रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
गलत क्या किया जो बुरा मान बैठे,
पराया मुझे श्याम क्यों जान बैठे,
ये गम का फ़साना,
ये गम का फ़साना सुनाके रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
अभी हाल दिल तुमने सुना ही कहाँ है,
मुझे अपनी खिदमत में चुना ही कहाँ है,
चरण रज तुम्हारी,
चरण रज तुम्हारी लगाके रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
बहुत हो गया है अभी मान जाओ,
मुझे श्यामसुंदर न पागल बनावो,
‘काशीराम’ ये दिल,
‘काशीराम’ ये दिल लुटाके रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे,
तू रूठा है फिर भी,
तू रूठा है फिर भी मना के रहेंगे,
तुम्हे श्याम अपना बनाके रहेंगे।।
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