तू राम बना सहारा के हर लो अब संकट म्हारा
तू राम बना सहारा के हर लो अब संकट म्हारा
म्हारा के रखदो सर पर हाथ तुम्हारा हो
जब माँ सीता को छल से था रावण ने चुराया
तुम जा लंका में पहुंचे ओर माता का पता लगाया
रावण ने तुझे ललकारा गुस्से में मुक्का मारा
फिर तुझको गुस्सा आया रावण को था मारा
तेरी पुँछ में आग लगायी तेरी पूंछ में
तेरी पूंछ में आग लगायी के अब लीला तेरी छायी
तूने साडी लंका जलाई हो
तू राम बना सहारा.........................................
जब लक्ष्मण मूर्छित पाए श्री राम चंद्र घबराये
तुम पास राम के आये ओर उनको धीर बँधाये
तुम बोले है रघुराई मुझको है राम दुहाई
नहीं लाया अगर में बुनती नहीं दूंगा तुम्हे दिखाई
तुम गाये बूटी लाने
तुम गाये बूटी लाने के पूरा पर्वत ही लाये
लाये के तूने लखन के प्राण बचाये हो
लाये के तूने लखन के प्राण बचाये हो
तू राम का बना सहारा .............................
जब राम लखन को पापी अहिरावण लिया चुराए
तू जा पटल में पहुंचे ओर पता था लिया लगाए
मकर ध्वज आगे आया और तुमने उसे समझाया
वह फिर भी लड़ने आया और तुमसे जीत न पाया
तूने देवी का रूप था धारा तूने देवी का
तूने देवी का रूप[ था धारा फिर वो अहिरावण मारा
मारा के तूने पल में दिया सहारा हो
तू राम का बना सहारा .........................
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