Current Date: 31 Oct, 2024

त्रयोदशी व्रत की पूजा विधि (Trayodashi Vrat Ki Pooja Vidhi)

- The Lekh


त्रयोदशी व्रत की पूजा विधि

त्रयोदशी व्रत साल मे 12/13 बार आने वाला मासिक व्रत का त्यौहार है, अतः इस व्रत को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है। जोकि अमावस्या से पहिले कृष्णपक्ष की त्रियोदशी के दिन आता है। मासिक शिवरात्रियों में से दो सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं, फाल्गुन त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है और दूसरी सावन शिवरात्रि के नाम से जानी जाती है। यह त्यौहार भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है, इस दिन भक्तभगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं।

यह लोकप्रिय हिंदू व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। कोई भी व्रत या पूजा तभी उत्तम फल देती है जब उसे सही विधि से किया जाता है।

शिव : नमस्काराथा मंत्र

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करनेके बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
घर के मंदिर मेंदीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव हैतो व्रत करें।
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्यसेपहलेभगवान गणेश की पूजा की जाती है।
भगवान शिव को भोग लगाएं।एं इस बात का ध्यान रखेंभगवान को सिर्फ सात्वि क चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान शिव की आरती करें।
इस दिन भगवान का अधिक सेअधिक ध्यान करे।

 

Trayodashi Vrat Ki Pooja Vidhi

There are usually twelve or thirteen Trayodashi Vrat in a year that falls on the day of Triyodashi before the new moon, hence this fast is also called Masik Shivratri. It is considered an auspicious day for bhagwan Shiv and Devi Parvati. Maha Shivaratri and Sawan Shivaratri are the most famous one. This festival signifies an immense power of the universe emerged in bhagwan Shiv.

This popular Hindu fast is dedicated to Bhagwan Shiva and Mata Parvati. Any vrat or worship gives best results only when it is done in the right way.

Shiva : Namaskaratha Mantra

Worship Method

Get up early in the morning and take a bath.
Wear clean clothes after taking bath.
Light a lamp in the temple of the house.
If possible, fast.
Abhishek Lord Bholenath with Ganges water.
Offer flowers to Lord Bholenath.
Along with Bholenath, worship Goddess Parvati and Lord Ganesha on this day. Lord Ganesha is worshiped before any auspicious work.
Offer food to Lord Shiva. Keep in mind that God is offered only sattvic things.
Perform aarti of Lord Shiva.
Meditate more and more on God on this day.

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