Current Date: 18 Dec, 2024

त्रयोदशी व्रत का महत्व (Trayodashi Vrat Ka Mahatav)

- The Lekh


त्रयोदशी व्रत का महत्व

एकादशी और प्रदोष दोनों ही तिथियां चंद्र से संबंधित है। जोभी व्यक्ति दोनों में से एक या दोनों ही तिथियों पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना है उसका चंद्र कैसा भी खराब हो वह सुधरने लगता है। अर्थात शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है।

चंद्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब या अच्छी होती है। चंद्रमा की स्थिति का प्रत्येक व्यक्ति पर असर पड़ता ही पड़ता है। ऐसी दशा में एकादशी या प्रदोष का ठीक से व्रत रखने पर, सही तरीके से व्रत रखने पर आप चंद्रमा के खराब प्रभाव को, नकारात्मक प्रभाव को रोक सकते हैं।

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2.माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है। इस तरह तीन ग्रह शुभ फल देने लगते हैं। चंद्र से धन समृद्धि बढ़ती है, शुक्र से स्त्री सुख और ऐश्वर्य बढ़ता है तो बुध से नौकरी एवं व्यापार में लाभ मिलता है।
 
3.दोनों ही व्रतों का संबंध चंद्र के सुधारने और भाग्य को जागृत करने से है अत: किसी भी देव का पूजन करें। वैसे प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस व्रत को अच्छे से रखने से भाग्य जागृत हो जाता है।

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 4. चंद्रमा ही नहीं यहां तक की इन व्रतों से बाकी ग्रहों के असर को भी आप बहुत हद तक कम कर सकते हैं। शुक्र और बुध में सुधा तो होगी ही साथ ही गुरु, मंगल और सूर्य भी अच्‍छा प्रभाव देने लगते हैं।
 
5. एकादशी और प्रदोष के व्रत का प्रभाव आपके मन और शरीर दोनों पर पड़ता है। इस व्रत से आप अशुभ संस्कारों को भी नष्ट कर सकते हैं।

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6.पुराणों अनुसार जो व्यक्ति एकादशी या प्रदोष का व्रत करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है।

Trayodashi Vrat Ka Mahatav

Pradosh Vrat is observed on the Trayodashi date of both the fortnights of every month. The glory of Pradosh which falls on different days is different. Pradosh of Monday, Pradosh coming on Tuesday and Pradosh coming on other days all have different importance and benefits. Let us know the result of observing this fast.
 
1. Both Ekadashi and Pradosh dates are related to Moon. The person who observes fast on one or both the dates and consumes only fruits, no matter how bad his moon is, he starts improving. That is, the lunar element in the body improves.
 
The mental and physical condition of a person is bad or good due to the position of the moon. The position of the moon has an effect on every person. In such a situation, by keeping fast on Ekadashi or Pradosh properly, by keeping fast properly, you can stop the bad effect, negative effect of Moon.

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2. It is believed that Venus also improves when the Moon improves and Mercury also improves when Venus improves. In this way the three planets start giving auspicious results. Moon increases wealth and prosperity, Venus increases women's happiness and opulence, and Mercury gives benefits in job and business.
  
3. Both the fasts are related to improving the moon and awakening the fortune, so worship any god. By the way, Lord Shiva is worshiped during Pradosh Vrat. Luck is awakened by keeping this fast well.

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4. Not only the moon, but with these fasts, you can also reduce the effect of other planets to a great extent. There will be improvement in Venus and Mercury, as well as Jupiter, Mars and Sun also start giving good effects.
 
5. Fasting on Ekadashi and Pradosh has an effect on both your mind and body. With this fast, you can also destroy inauspicious rituals.

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6. According to Puranas, the person who keeps fasting on Ekadashi or Pradosh, never gets surrounded by troubles in his life and wealth and prosperity remain in his life.

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