Current Date: 16 Nov, 2024

तेरो है आधार, तू ही मेरो तो सहारो है

- श्याम अग्रवाल


तेरो है आधार,
तू ही मेरो तो सहारो है,
तेरो हैं आधार,
तू जान से लागे प्यारो है,
तेरो हैं आधार।।

तर्ज – कीर्तन की है रात।

मेरो घाव गहरो थो,
जीवन में अंधेरों थो,
तू बन गयो थो माझी,
हारा ने जीतायो तू,
दुखड़ा न मिटायो तू,
मैं बोलूं हूँ सांची,
दुखड़ा दूर किया,
जो भी आयो दुखियारो है,
तू जान से ज्यादा प्यारो है,
तेरो हैं आधार।।

सारी दुनिया में घुम्यो,
कई चौखट न चुमो,
बण्यो ना काम मेरो,
पल भर में लीयो तू थाम,
ओ म्हारा बाबा श्याम,
इक बार जो नाम लियो,
देवोगो तू साथ,
पग पग पे विश्वास हमारो है,
तू जान से ज्यादा प्यारो है,
तेरो हैं आधार।।

लिखानो नहीं जानू,
गानो नहीं जानू,
ये ‘सुरेश’ का भाव है,
श्याम की बाबा,
था पर है सब बाज़ी,
था पर ही दाव है,
जीवन नैया को,
बाबा तू ही तो किनारों है,
तू जान से ज्यादा प्यारो है,
तेरो हैं आधार।।

तेरो है आधार,
तू ही मेरो तो सहारो है,
तेरो हैं आधार,
तू जान से लागे प्यारो है,
तेरो हैं आधार।।

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