Current Date: 31 Oct, 2024

तेरी महिमा सभी ने बखानी

- चेतना शुक्ला


तेरी महिमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।

तर्ज – मनिहारी का भेष।


हम शरण तेरी आए है,
जग छोड़ कर,
हम शरण तेरी आए है,
जग छोड़ कर,
दुनिया सारी बेगानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी,
तेरी महीमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।


तेरा दर छोड़ कर,
माँ जाए कहाँ,
तेरा दर छोड़ कर,
माँ जाए कहाँ,
अब थाम लो हाथ भवानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी,
तेरी महीमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।


मेरा कोई नहीं,
मैया तेरे सिवा,
मेरा कोई नहीं,
मैया तेरे सिवा,
तेरे हाथों में है जिंदगानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी,
तेरी महीमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।


तुम किरपामाई,
तुम हो करुणामई,
तुम किरपामाई,
तुम हो करुणामई,
भक्तों ने महिमा जानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी,
तेरी महीमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।


तेरी महिमा सभी ने बखानी,
दया हमपे करो अम्बे रानी।।

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