सोमवार व्रत के नियम
13 जुलाई गुरु पूर्णिमा के बाद श्रावण माह लगने वाला है। आओ जानते हैं सोमवार व्रत के नियम और शिवजी को मिश्री और दूध सहित 7 सफेद चीजें अर्पित करने के लाभ।
जानिये कैसे हुआ हनुमान जी का जन्म : हनुमान जन्म कथा
व्रत के नियम
1. इस दिन प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. इसके बाद शिवजी के समक्ष द्वीप प्रज्वलित करके व्रत करने का संकल्प लें। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए। संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।
3. इसके बाद शिवलिंग सहित सभी देवी देवताओं का जलाभिषेक करें।
कैसे हुई माँ गंगा की उत्पत्ति जानिए इस कथा के माध्यम से: गंगा की उत्पत्ति कथा
4. अब शिवलिंग पर मिश्रि, दूध, दही, शहद, बिल्वपत्र, चमेली या आंकड़े के फूल और धतूरा अर्पित करें। मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
5. इसके साथ ही शिवलिंग पर केसर और चंदन भी अर्पित करें। यानी उन्हें इसका तिलक लगाएं। इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
6. इसके बाद उनकी अर्ध परिक्रमा करके उनका ध्यान करें। जहां से दूध बह रहा है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं। इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
गंगा जी की इस कथा से होगा समस्त पापों का नाश: गंगा सप्तमी व्रत कथा
7. शिवजी पर कभी भी रोली, सिंदूर कंकू, तुसली आदि अर्पित कहीं किया जाता है।
8. व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
9. पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
जानिये कैसे हुआ हनुमान जी का जन्म : हनुमान जन्म कथा
10. पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
सात वस्तुएं करें अर्पित : शिवलिंग पर मिश्रि, दूध, दही, शहद, बिल्वपत्र, चमेली या आंकड़े के फूल और धतूरा मिलाकर ये 7 चीजें अर्पित करें। इससे शिवजी प्रसन्न होगे और आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
Monday fasting rules
Shravan month is going to start after Guru Purnima on 13th July. Let us know the rules of Monday fast and the benefits of offering 7 white things including sugar candy and milk to Lord Shiva.
Jagannath Mandir Pauranik Katha Aur Isse Judi Kahani
Fasting rules
1. On this day, wake up early in the morning and wear clean clothes after taking bath etc.
2. After this, take a pledge to fast by lighting the island in front of Lord Shiva. The fasting person should eat once a day. In the evening, after the worship is over, break the fast and have normal food.
3. After this, do Jalabhishek of all the deities including Shivling.
Know how Mother Ganga originated through this story: Ganag Ki Utpatti Katha
4. Now offer sugar candy, milk, curd, honey, bilvapatra, jasmine or fig flowers and datura on the Shivling. Offer betel nut, five nectar, coconut and vine leaves to Shiva along with chanting mantras. Offer sixteen makeup items to Mother Parvati.
5. Along with this, offer saffron and sandalwood on the Shivling. Means apply Tilak to them. After this, light incense, sesame oil lamp and incense sticks in front of them.
6. After this, meditate on them by circumambulating them. Stop where the milk is flowing and turn back. After this chant Om Namah Shivay mantra.
All sins will be destroyed by this story of Ganga ji: Ganga Saptami Vrat Katha
7. Roli, Sindoor, Kanku, Tusli etc. are offered to Shivji at any time.
8. Lord Shiva and Goddess Parvati are worshiped during the fast.
9. Recite Shiv Chalisa and Shiv Aarti at the end of the Puja.
Know how Hanuman ji was born: Hanuman Janam Katha
10. Distribute Prasad as soon as the Puja is over. It is essential to listen to the story of Monday fast after Shiva Puja. Pray to Lord Shiva twice a day (morning and evening).
Offer seven things: Mix sugar candy, milk, curd, honey, bilvapatra, jasmine or fig flowers and datura and offer these 7 things on Shivling. Lord Shiva will be pleased with this and your wishes will be fulfilled.
अन्य लेख :-
- सावन मास 2023 कब से शुरू कब होगा समाप्त
- सावन माह में सोमवार का महत्व
- शंकर विमान मंडपम, प्रयागराज
- रामेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु
- काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना
- काल भैरव मंदिर, वाराणसी
- बाबा बूढ़ानाथ मंदिर, बिहार
- सिद्धनाथ मंदिर, कानपुर
- हलासुरु सोमेश्वर मंदिर, बैंगलोर
- भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।