Current Date: 31 Oct, 2024

सर पे मुकुट गले (Sir Pe Mukut Gale)

- Kumar Kancha


सर पे मुकुट गले लिरिक्स हिंदी में (Sir Pe Mukut Gale Lyrics in Hindi)

सिर पे मुकटगल मोतियन माला
वजर शरीर कोमल दिल वाला
भक्त उन्हें पहचान वो है राम भक्त हनुमान


बलशाली अनजानी का लाला सिया राम का वो मत वाला,
ऋषि मुनि के प्राण बचावे असुरो का वध करने वाला
भगत उन्हें पहचान,
वो है राम भक्त हनुमान

रावन सूत जब लखन को धाये पर्वत का पर्वत ले आये,
लाये संजीवन लखन जी आये राम चन्द्र के काज बनाये
भक्त उन्हें पहचान,
वो है राम भक्त हनुमान

सुमिरन करना सदा हमेशा पास न आये कष्ट कलेशा,
उन की शरण में जो आएगा मन वंचित फल वो पायेगा,
भगत उन्हें पहचान
वो है राम भक्त हनुमान

सिर पे मुकटगल मोतियन माला
वजर शरीर कोमल दिल वाला
भक्त उन्हें पहचान वो है राम भक्त हनुमान

सर पे मुकुट गले लिरिक्स अंग्रेजी में (Sir Pe Mukut Gale Lyrics in English)

sir pe mukatagal motiyan maalaa
vajar shareer komal dil vaalaa
bhakt unhen pahchaan vo hai ram bhakt hanuman


balshaali anajaani ka laala siya ram ka vo mat vaala,
rishi muni ke praan bchaave asuro ka vdh karane vaalaa
bhagat unhen pahchaan,
vo hai ram bhakt hanuman

raavan soot jab lkhan ko dhaaye parvat ka parvat le aaye,
laaye sanjeevan lkhan ji aaye ram chandr ke kaaj banaaye
bhakt unhen pahchaan,
vo hai ram bhakt hanuman

sumiran karana sada hamesha paas n aaye kasht kalesha,
un ki sharan me jo aaega man vanchit phal vo paayega,
bhagat unhen pahchaan
vo hai ram bhakt hanuman

sir pe mukatagal motiyan maalaa
vajar shareer komal dil vaalaa
bhakt unhen pahchaan vo hai ram bhakt hanuman

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