Current Date: 18 Nov, 2024

श्याम सूरत तेरी

- आकाश सवारे


सांवली सलोनी श्याम,
सूरत ने तेरी,
कर दिया सारा,
जग तेरा दीवाना,
टेढ़ी छटाएं बांकी अदाएं,
उस पर तेरा धीरे से मुस्काना।।

तर्ज – सांवली सलोनी तेरी झील।


गजब है तेरा मुकुट ओ बाबा,
तन केसरिया बागा है साजा,
अँखियाँ तेरी है कजरारी,
होंठों की तो बात निराली,
चवर है ढुले तेरे सर पर,
फूलों की शान निराली,
साँवली सलोनी श्याम,
सूरत ने तेरी,
कर दिया सारा,
जग तेरा दीवाना।।


दरबारों में द्वार निराला,
सबसे सुन्दर द्वार तुम्हारा,
तोरण द्वार की बात निराली,
सुन्दर सुन्दर गलियां है सारी,
शिखर है ध्वजा लहराए तेरी,
रौनक है श्याम निराली,
साँवली सलोनी श्याम,
सूरत ने तेरी,
कर दिया सारा,
जग तेरा दीवाना।।


छप्पन तेरे भोग निराले,
पान सुपारी तुमको भावे,
लड्डू चूरमा प्रेम से खावे,
इत्र सुगन्धित मन महकावे,
स्वीकार करो मेरा भी प्रभु,
प्रेम से जो भोग लाए,
साँवली सलोनी श्याम,
सूरत ने तेरी,
कर दिया सारा,
जग तेरा दीवाना।।


जो भी आए द्वार तुम्हारे,
पुरे करते काम हो सारे,
बिगड़ी बाबा सबकी बनाते,
सोए भाग्य बाबा पल में जगाते,
है हाथ तेरे जो मोरछड़ी,
दुखड़े मिटाए वो तो सारे,
तेरे बिना श्याम बाबा,
मैं हूँ अधूरा,
तुम संग मेरा पूरा है संसार,
तेरी दया से ही मेरे बाबा,
चलता है ‘गीता’ का ये परिवार।।


सांवली सलोनी श्याम,
सूरत ने तेरी,
कर दिया सारा,
जग तेरा दीवाना,
टेढ़ी छटाएं बांकी अदाएं,
उस पर तेरा धीरे से मुस्काना।

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