Current Date: 17 Nov, 2024

श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे

- संजय मित्तल जी।


श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

तर्ज – दिल के अरमा आंसुओ में।

जिंदगी दुःख दर्द से बेहाल है,
जिंदगी दुःख दर्द से बेहाल है,
तुम ही सोचो और कितने गम सहे,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

नांव हिचकोले नहीं सह पाएगी,
नांव हिचकोले नहीं सह पाएगी,
गहरी नदिया जोर से धारा बहे,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

आपको मालूम है मजबूरियां,
आपको मालूम है मजबूरियां,
दिल की बाते आपको अब क्या कहे,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

नाव छोड़ी आपके विश्वास पर,
नाव छोड़ी आपके विश्वास पर,
‘बनवारी’ मझधार में ही रह गए,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे,
हो इजाजत आपकी तो कुछ कहे,
श्याम सुन्दर और कब तक चुप रहे।।

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।