F:- द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे श्याम प्रभु तुम दया करो
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे …………………………….
1.
F:- तुमको है मालुम सभी कुछ घेरे खड़े है गम कितने
तुमसे नहीं तो किससेकहे लाचार बड़े है हम कितने
तुमसे है ये विनती मेरी क्षमा करो अपराध मेरे
भीड़ दुखो की घेरे खड़ी है कोई नहीं है साथ मेरे
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे …………………………….
2.
F:- दुनिया की क्या बात करू में परछाई भी दुश्मन है
रहे हो गयी अंगारो सी आग में जलता जीवन है
हाथ धरो मेरे सर के ऊपर शीतल सी छाया कर दो
हो जाए दुःख दूर हमारे तुम ऐसी माया कर दो
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे …………………………..
3.
F:- कब काटोगे श्याम हमारी किस्मत की जंजीरो को
रंग दो खुशियों से हाथो लकी इन बेरंग लकीरो को
दया करो है खाटू वाले दर दर की ठुकराई हु
न्याय मिलेगा दर पे तुम्हारे यही सोच के आयी हु
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे श्याम प्रभु तुम दया करो
करू तुम्हारी चरण वंदना कष्ट हमारे विदा करो
द्वार खड़ी श्री श्याम तुम्हारे ……………………………
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