बाबा श्याम की नज़र का,
हुआ है करम,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
मेरी खुशी का ठिकाना,
मेरे श्याम के चरण,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
बाबा श्याम की नजर का,
हुआ है करम।।
तर्ज – मेरे प्यार की उमर हो इतनी।
मैं तो कुछ भी कहूं ना,
अपने दिल की अर्जिया,
है चलती मेरे उपर तो,
इनकी ही मर्जियाँ,
सच कहता हूँ बात ये,
ख़ाके मैं कसम,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
बाबा श्याम की नजर का,
हुआ है करम।।
बिन बाबा एक पल भी,
अब तो रहा नही जाए,
दूर रहना बाबा से,
अब सहा नहीं जाए,
सांवरे के ही दर पे तो,
निकलेगा दम,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
बाबा श्याम की नजर का,
हुआ है करम।।
मेरे छोटे से घर में,
श्याम का आशियाँ,
कोई परदा नही है,
दोनो के दरमियाँ,
‘चोखनी’ को बाबा कभी,
देते नही कम.
‘शैलेंद्र’ को बाबा कभी,
देते नही कम,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
बाबा श्याम की नजर का,
हुआ है करम।।
बाबा श्याम की नज़र का,
हुआ है करम,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
मेरी खुशी का ठिकाना,
मेरे श्याम के चरण,
मिला दिल को सुकून,
हुए दूर सारे गम,
बाबा श्याम की नजर का,
हुआ है करम।।
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