श्याम नखरालो है,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो,
नैना सु तीर चलावे रे,
अरे रे यो तीर चलावे रे,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
तर्ज – हम तुम चोरी से।
सावल सावल सूरत,
मुस्कान बड़ी ही प्यारी,
हिवड़े में बस जावे,
मन बसियो श्याम बिहारी,
बनड़ा सो लाग रहयो,
लाग रहयो,
सजिलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
इतनो सोहनो लागे,
के चंदा भी शरमावे,
लगा दो कला टिका,
कही नजर नही लग जावे,
आज तुम्हे बलिहारी,
बलिहारी,
है रसीलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
छवि मोहनी मोहे,
जो देखे होवे पागल,
‘अंजलि’ भी चैन गवाई,
मन हो जावे रे घायल,
‘चोखानी’ चित चोर है,
चित चोर है,
यो हटीलो संवारो,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
श्याम नखरालो है,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो,
नैना सु तीर चलावे रे,
अरे रे यो तीर चलावे रे,
श्याम नखरालो हैं,
बड़ो मतवारो है,
छैल छबीलो साँवरो।।
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