श्री श्याम स्तुति - Shri Shyam Stuti
हाथ जोड़ विनती करूं, खाटू नगर सुजान।
दास आ गयो शरण में, रखियो इसकी लाज।
अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण।
धन्य है तुम्हारा देश, खाटू नगर सुजान।
श्याम श्याम मैं रटू, श्याम है जीवन प्राण।
श्याम भक्त जग में बड़े, उनको करूं प्रणाम।
खाटू नगर के बीच में, बनियों आपका धाम।
फाल्गुन शुक्ल द्वादशी, उत्सव होय भारी।
फाल्गुन शुक्ला मेला भरे, जय जय बाबा श्याम।
बाबा के दरबार से, खाली जाए ना कोई।
उमापति, लक्ष्मीपति, सीतापति श्री राम।
लज्जा सबकी राखियो, खाटू के श्री श्याम।
पान सुपारी इलायची, ईतर सुगंध भरपूर।
सब भक्तन की विनती, दर्शन देवो हजूर।
श्याम नाम एक मंत्र है, रखियो चित्त्त लगाएं।
जो याको सुमिरन करें, तो विघ्न सभी टल जाए।
हाथ जोड़ विनती करूं, धरूँ चरण में शीश।
ज्ञान भक्तिमय दीजिए, परम पिता जगदीश॥
श्याम तो प्रेम रस, धरे श्याम को ध्यान।
श्याम भक्त पावे सदा, श्री श्याम कृपा बनी रहे॥
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