Current Date: 22 Nov, 2024

श्री श्याम ऊंची शान

- Traditional


M:-        क्यों है जग में श्याम की ऊंची शान बताता  हूँ पावन कथा सुनाता हूँ 
कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान दिखाता हूँ
मै कथा सुनाता हूँ 
रोती हुयी एक बिटिया की मुस्कान दिखाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
क्या होती है भक्ति की पहचान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम 

M:-        इक निर्धन परिवार की भगतो बात पुरानी है 
सौ घर में दो घर की आज भी यही कहानी है 
कोरस:-      आज भी यही कहानी है
M:-        ममता नाम की एक बिटिया के गुजर गए माँ बाप 
कोई नहीं था ममता का जग में कैसा था संताप 
कोरस:-      कैसा था संताप 
M:-        चाचा के घर मिला सहारा करती घर का काम 
दीवानी थी खाटू श्याम की मन में बसते श्याम 
कोरस:-      मन में बसते श्याम 
M:-        श्याम की निसदिन पूजा करने जाती थी मंदिर 
ध्यान लगा के सुनो कथा क्या होता है आखिर 
कोरस:-      क्या होता है आखिर 
M:-        उसके आगे क्या होता है वो समझाता हूँ  पावन कथा सुनाता हूँ 
भक्तो कथा सुनाता कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान दिखाता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        बिन माँ बाप के उस बिटिया की देखो लाचारी 
सारे घर का काम थी करती ममता बेचारी 
कोरस :-     करती ममता बेचारी 
M:-        फ़टे पुराने कपडे मिलते उसे पहने को 
छोटी सी एक मिली झोपड़ी उसके रहने को 
कोरस :-      झोपड़ी उसके रहने को 
M:-        बचा खुचा खाने को देती थी उसकी चाची 
खा लेती चुपचाप थी ममता ताजा क्या बासी 
कोरस :-     ताजा क्या बासी  
M:-        झाडू मारे कपडे धोये  माजे वो बर्तन 
ममता को ना पता चला कब छूट गया बचपन 
कोरस :-     कब छूट गया बचपन 
M:-        ममता की किस्मत में क्या था लिखा बताता हूँ पावन कथा सुनाता हूँ 
भक्तो कथा सुनाता कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान दिखाता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        शादी योगय हो गई ममता खिल गया था यौवन     
जब देखे सूरत ममता की मुस्काये दर्पण 
कोरस :-     मुस्काये दर्पण 
M:-        ममता की शादी के चर्चे होने लगे घर में 
सारी बात बताती श्याम से जा के मंदिर में
कोरस :-     श्याम से जा के मंदिर में
M:-        माता पिता को करके वो याद रोने लगती थी 
रो रो के आंसुओं से चेहरा धोने लगती थी 
कोरस :-     चेहरा धोने लगती थी 
M;-        माता पिता का हाथ साथ ना किस पे करे अभिमान 
माता पिता जो ज़िंदा होते करते कन्यादान
कोरस :-     उसका करते कन्यादान
M:-        क्या कहते है चाचा चाची सुनो सुनाता हूँ  पावन कथा सुनाता हूँ 
भक्तो कथा सुनाता कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        ढूंढ रहे है ऐसा रिश्ता ज़रा ना हो खर्चा 
इसी लिए रिश्तेदारों में करते है चर्चा 
कोरस :-     करते है चर्चा 
M:-        पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ हो निर्धन हो चाहे 
बिना दहेज़ लिए कोई भी ममता को ब्याहे
कोरस :-     कोई भी ममता को ब्याहे
M:-        चाचा और चाची के मुँह से सुन ऐसी बाते 
माता पिता की सोच के उसकी भर जाती आंखे 
कोरस :-     उसकी भर जाती आंखे 
M:-        चाचा से चाची जब कहती इसे निकालो तुम 
पडी हई है बला गले में इसको टालो तुम 
कोरस :-     इसको टालो तुम 
M:-        ममता का भर गया कलेजा मै दिखलाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        शादी तय कर के ममता की रख दी गई तारीख 
दिखलाया ना लड़का उसको रही आत्मा चीख 
कोरस :-     उसको रही आत्मा चीख 
M:-        कौन है लड़का पता नहीं पता नहीं  ससुराल 
जाने कैसे सास ससुर हो क्या होगा मेरा हाल
कोरस :-     क्या होगा मेरा हाल

M:-        यही सोचती ममता मन में जाने क्या होगा 
अच्छा होगा मेरे साथ या हाल बुरा होगा 
कोरस :-      या हाल बुरा होगा 
M:-        छोड़ दिया सब श्याम के ऊपर तुम ही जानो श्याम 
तुम ही से मेरा दिन उगता है तुम ही से है मेरी शाम 
कोरस :-     तुम ही से है मेरी शाम
M:-        न नेह निमंत्रण  कार्ड छप गए  वो दिखलाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        ना कोई जेवर ना कोई गहना ना लहंगा साडी 
कैसा है ये ब्याह सोच रही ममता बेचारी 
कोरस :-     सोच रही ममता बेचारी 
M:-        आज अगर माँ बाप जो होते बात अलग होती 
धूमधाम से शादी की सौगात अलग होती 
कोरस :-     सौगात अलग होती 
M:-        शादी का इक कार्ड उठा के चली श्याम दरबार 
चेहरा था ग़मगीन मचा था मन में हाहाकार 
कोरस :-      मचा था मन में हाहाकार
M:-        पहुंच गई मंदिर के अंदर वो बिटिया भोली 
कार्ड पुजारी को पकड़ा के हाथ जोड़ बोली 
कोरस :-     हाथ जोड़ बोली 
M:-        क्या बोली वो ममता बिटिया वो सुनवाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        आँखों में आंसू भर आये बिटिया रानी के 
देख रहा मंदिर का पुजारी वो हैरानी से 
कोरस :-     पुजारी वो हैरानी से
M:-        भरी आवाज में बिटिया बोली सुनो श्याम दातार 
तुम ही मेरे मात पिता हो तुम ही मेरा परिवार 
कोरस :-     तुम ही मेरा परिवार 
M:-        नेह निमंत्रण दे रही हूँ तुमको ब्याह में आना है 
कर के कन्यादान मुझे डोली में बिठाना है 
कोरस :-     मुझे डोली में बिठाना है 
M:-        अगर मेरी शादी में बाबा तुम नहीं आओगे 
दे दूंगी मै जान कसम से तुम पछताओगे 
कोरस :-     कसम से तुम पछताओगे 
M:-        क्या बोला बिटिया से पुजारी वो बतलाता हूँ  पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        रख के कार्ड श्याम चरणों में बोला हंस कर के 
निश्चिंत हो कर बिटिया रानी जा अपने घर पे 
कोरस :-     बिटिया रानी जा अपने घर पे 
M:-        श्री श्याम के ऊपर तेरा इतना है विश्वास 
मान यकीन ना होंगे देंगे बेटी तुझे निरास 
कोरस :-      बेटी तुझे निरास
M:-        श्री श्याम का काम यही दे रोते को मुस्कान 
किसी ना किसी में रूप में आ के करेंगे कन्यादान
कोरस :-     आ के करेंगे कन्यादान
M:-        बेटी तेरी शादी में श्री श्याम जी आएंगे 
आ कर के श्री श्याम पिता का फर्ज निभाएंगे 
कोरस :-      पिता का फर्ज निभाएंगे 
M:-        कितनी हुयी है बिटिया को वो ख़ुशी दिखाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम


M:-        शादी वाले रोज हो गई अजब अनोखी बात 
आ पहुंची जब द्वार पे बिटिया रानी की बारात 
कोरस :-    बिटिया रानी की बारात 
M:-        बिचकता उसका चाचा स्वागत को  निकला 
निचे तेल गिरा सरसो का पांव तुरत फिसला
कोरस :-    उसका पांव तुरत फिसला
M:-        औंधे मुँह धरती पर गिरा वो टूट गई थी टांग
जोर जोर से चिल्लाये ज्यों मुर्गा देता बांग 
कोरस :-    ज्यों मुर्गा देता बांग 
M:-        पति की टूटी टांग देख के चाची उगले आग
गुस्से में फुंफकारे चाचा जैसे काला नाग
 कोरस :-     जैसे काला नाग
M:-        अब आगे क्या होता है तुमको समझाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        चली कराने पति का अपने वो चाची उपचार 
भूली मंडप बाराती को भूली शिष्टाचार
कोरस :-    भूली शिष्टाचार
M:-        सौ सौ गाली दे ममता को डाले उस पे दोष 
सुन रही थी चुपचाप लली सब बैठी थी खामोश 
कोरस :-    सब बैठी थी खामोश 
M:-        मंडप में बैठा था दूल्हा बैठे थे मेहमान 
पंडित जी बोले बिटिया का कौन करेगा कन्यादान 
कोरस :-    कौन करेगा कन्यादान 
M:-        मन ही मन में बिटिया बोली दया करो श्री श्याम 
सच्चे मन से भक्ति की है मैने सुबह हो शाम 
कोरस :-    भक्ति की है सुबह हो शाम 
M:-        होता है फिर वहां पे जो चमत्कार दिखाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        ज्योति पुंज एक उड़ते उड़ते वहां पे आती है 
ज्योति पुंज से एक धुंधली छाया बन जाती है 
कोरस :-     छाया बन जाती है 
M:-        श्री कृष्ण के रूप में फिर परिवर्तित होती है 
होठो पे मुस्कान वही फिर चिर परिचत होती है
कोरस :-     चिर परिचत होती है
M:-        भक्त की खातिर बन जाते है भगवन से इंसान 
बगल में झोला लटका  जिसमे भरा स्वर्ण सामान 
कोरस :-      जिसमे भरा स्वर्ण सामान
M:-        कुर्ता धोती सर पे पगड़ी लिए पेटिका हाथ 
आ के पहुंच गए मंडप पे रुकी जहाँ बारात 
कोरस :-     मंडप पे रुकी जहाँ बारात 
M:-        बोले क्या वो पंडित जी से वो बतलाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        पंडित जी मै इस बिटिया का मामा लगता हूँ 
बचपन से ही बड़ी दूर परदेश में रहता हूँ 
कोरस :-     दूर परदेश में रहता हूँ 
M:-        चौक के देखा जब ममता ने खड़े कृष्ण भगवान
ममता को भगवन दीखते थे ओरो को इंसान 
कोरस :-     दीखते थे ओरो को इंसान 
M:-        बिटिया तड़प के उठती है चरणों में गिरती है 
नैनो से नदिया के धारा झर झर बहती है 
कोरस :-     धारा झर झर बहती है 
M:-        दे कर के आशीष लली को किया है कन्यादान 
स्वर्ण आभूषण वस्त्र दिए और दिया बहुत सामान
कोरस :-     और दिया बहुत सामान
M:-        दिव्य अलौकिक अति मनभावन दृश्य दिखाता हूँ
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम


M:-        लग के गले श्याम सुन्दर के फुट फुट रोये 
पांव श्री भगवान के ममता आंसुओं से धोये 
कोरस :-     ममता आंसुओं से धोये 
M:-        रख के हाथ लली के सिर पे कहते है भगवान 
जीवन भर खुशहाल रहे तू मेरा है वरदान 
कोरस :-     तू मेरा है वरदान 
M:-        सबको दीखते सेठ श्याम जी बिटिया को भगवान 
सोच रहे थे देखने वाले सेठ जी है धनवान 
कोरस :-      सेठ जी है धनवान 
M:-        मामा कह के श्री श्याम को बोली जब ममता 
रोम रोम झंकार उठा था बिटिया के मन का 
कोरस :-      बिटिया के मन का 
M:-        डोली विदा हुयी जब उसकी वो दिखलाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

M:-        ले कर के धन माल खजाना पहुंची जब ससुराल 
इतना धन दौलत लायी सब हो गए मालामाल 
कोरस :-      सब हो गए मालामाल 
M:-        उस धन से ममता के पति ने शुरू किया व्यपार 
कुछ ही दिनों में खड़ा हो गया बहुत बड़ा करोबार 
कोरस :-     बहुत बड़ा करोबार 
M:-        श्री श्याम को मामा मान के पूजा करती ममता 
पूरा हुआ हर सपना उस बिटिया के जीवन का 
कोरस :-     उस बिटिया के जीवन का 
M:-        चाचा चाची दोनों ममता के घर आते है 
अपनी गलती पे पछताए नीर बहाते है 
कोरस :-     पछताए नीर बहाते है 
M:-        हाथ जोड़ सुखदेव सभी को शीश झुकाता हूँ 
पावन कथा सुनाता हूँ 
 कैसे बढ़ाते है भक्तो का मान बताता हूँ 
मै कथा सुनाता हूँ 
कोरस :-     बोल के जय जय जय श्री श्याम ऊँगली श्याम धनी की थाम 
जीवन कर के श्याम के नाम ऊँगली श्याम धनी की थाम

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