Current Date: 21 Nov, 2024

श्री शनिदेव दीन दयाला

- Traditional


M:-        हो सूर्य पुत्र अग्नये  विशाला 
श्री शनिदेव है दीन दयाला 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो तुम उत्तम सर्वोत्तम देवा 
तुम पूजहि जो पावहि मेवा 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो न्याय तुला के तुम हो नायक 
सरल ह्रदय के सदा सहायक 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो शनिवार दिन नाम तुम्हारे 
तुम निज भक्तन के रखवारे 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो लोह  उड़द तिल तेल चढ़ा के 
नेष्ट दोष सबका कट जाते 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराली 
नीच को नहीं बक्शने वाली 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो शिम्पापुर में धाम तुम्हारा 
हुआ नगर प्रकशित सारा 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो ना दरवाजे नहीं ताले 
हो शनिदेव तुम ही रखवाले 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो दिव्य शिला ने वास तुम्हारा 
तुमको पूज रहा जग सारा 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो तुम शीतल तुम अंगारा
नेत्र में बहती क्रोध की धारा 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो जो कोई पूजे सरल ह्रदय से 
वो बच जाए शनि प्रलय से 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

M:-        हो शनि कृपा जिसको मिल जाती 
आती ना फिर साढ़े साती 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 
M:-        हो हे शनिदेव है अन्तर्यामी 
दया करो सुखदेव पे स्वामी 
कोरस :-    जय शनिदेव जय दीन दयाला तुम सम और जय कौन विशाल 

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