Current Date: 17 Nov, 2024

श्री रामचन्द्र कृपालु

- Avinash karn


कोरस :-     श्री राम जय राम श्री राम जय राम 
    श्री राम जय राम श्री राम जय राम 
M:-    श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
    हरण भवभय दारुणं ।
    नव कंज लोचन कंज मुख
    कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कोरस :-     श्री राम जय राम श्री राम जय राम 
    श्री राम जय राम श्री राम जय राम 

M:-    कन्दर्प अगणित अमित छवि
    नव नील नीरद सुन्दरं ।
    पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
    नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
कोरस :-     राम राम राम राम जय श्री राम 
    राम राम राम राम जय श्री राम 

M:-    भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
    दैत्य वंश निकन्दनं ।
    रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
    चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
कोरस :-     श्री राम जय राम श्री राम जय राम 
    श्री राम जय राम श्री राम जय राम 

M:-    शिर मुकुट कुंडल तिलक
    चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
    आजानु भुज शर चाप धर
    संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
कोरस :-     राम राम राम राम जय श्री राम 
    राम राम राम राम जय श्री राम 

M:-    इति वदति तुलसीदास शंकर
    शेष मुनि मन रंजनं ।
    मम् हृदय कंज निवास कुरु
    कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
कोरस :-     श्री राम जय राम श्री राम जय राम 
    श्री राम जय राम श्री राम जय राम 

M:-    मन जाहि राच्यो मिलहि सो
    वर सहज सुन्दर सांवरो ।
    करुणा निधान सुजान शील
    स्नेह जानत रावरो ॥६॥
कोरस :-     राम राम राम राम जय श्री राम 
    राम राम राम राम जय श्री राम 

M:-    एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
    सहित हिय हरषित अली।
    तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
    मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

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