Current Date: 24 Nov, 2024

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन

- Mishra Bandhu


M:-        श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम
M:-        श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम् -2
नवकंज लोचन, कंज मुख, कर कंज, पद कन्जारुणम ॥1॥ 
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम । 
पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमी जनक सुतावरम् ॥2॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम् ।
रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ नन्दनम ॥3॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारू उदारु अंग विभुषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धुषणं ॥4॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन-रंजनम् ।
मम् हृदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम् ॥5॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरों ।
करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो ॥6॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम

M:-        एही भांती गौरी असीस सुनि सिय सहित हिय हरषी अली ।
तुलसी भवानी पूजि पूनि पूनि मुदित मन मंदिर चली ॥7॥ 
श्री रामचंद्र चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्
कोरस :-    श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम
M:-        जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे

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