जय गोविंदा जय गोपाला जय गोविंदा
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है।
गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥
मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए,
वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच नचाए।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
गिरिधर नागर कहती मीरा, सूर को शयामल भाया,
तुकाराम और नामदेव ने विठ्ठल विठ्ठल गाया।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
नरसी ने खडताल बजा के सांवरिया को रिझाया,
शबरी ने अपने हाथों से प्रभु को बेर खिलाया।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
राधा शक्ति बिना ना कोई श्यामल दर्शन पाए,
आराधन कर राधे राधे काहना भागे आए।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
सिमरन का रस जिसको आया, वो ही जाने मन में,
निराकार साकार होतरे भगतों के आँगन में।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
श्याम सलोना कुंजबिहारी नटवर लीलाधारी,
अन्तर्वासी हरिअविनाशी लागे शरण तिहारी।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है।
गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥
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