श्री पंचमुखी महादेव मंदिर, अयोध्या
श्री अनादि पञ्चमुखी महादेव मन्दिर श्री अयोध्या धाम की शास्त्रीय सीमा के अन्तर्गत सरयू नदी के तट पर गोप्रतार (गुप्तार) घाट पर अवस्थित है। गोप्रतार घाट श्री अयोध्या धाम के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थलों में से एक है।
माहात्म्य
अयोध्या के प्रतिष्ठित शिवालय नागेश्वरनाथ व क्षीरेश्वरनाथ की भाँति इस मन्दिर की स्थापना भी अति प्राचीन है।पंचास्य उपासना के अनुसार यहाँ विराजमान शिवलिंग पाँच मुखों से युक्त है। लिंग का सामान्य अर्थ चिह्न होता है। शिव ब्रह्माण्ड के प्रतीक पुरुष हैं। इनका पंचमुखी स्वरूप पंचतत्त्वों का प्रतीक है। जिनका वर्णन करते हुये विष्णु धर्मोत्तर में कहा गया है: सद्योजातं वामदेवमघोरञ्च महाभुज। तथा तत्पुरुषं ज्ञेयमीशानं पंचमं मुखम्।। सद्योजात, वामदेव, अघोर, तत्पुरुष और ईशान ये पाँच मुख हैं जो क्रमश: पृथ्वी, जल, तेज (अग्नि), वायु और आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे शिवलिंग जिनमें मुख प्रत्यक्ष हों, मुखलिंग कहलाते हैं। शिवोपासना में प्रतिमापूजन से भोग, लिंगपूजन से मोक्ष तथा मुखलिंग के पूजन से भोग और मोक्ष दोनों की सिद्धि कही गयी है।
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अवस्थिति
श्री लक्ष्मण किला की देख-रेख में यह शिवालय अयोध्या-फैजाबाद समेत अन्यत्र के भक्तों के लिये भी आस्था का बड़ा केन्द्र है। सन् 2012 के अन्त में यहाँ के महान्त रमापति शरण जी के साकेतवास (निधन) के उपरान्त श्रीमैथिलीरमणशरण जी यहाँ के महान्त नियुक्त हुये जो कि पहले से ही आचार्यपीठ श्री लक्ष्मण किला के भी महन्त हैं।
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आयोजन
महाशिवरात्रि और श्रावण मास के विशेष पूजा-उत्सवों के अतिरिक्त अधिकमास में भी महीने भर यहाँ आयोजन चलते हैं। प्रत्येक सोमवार को भगवान् पँचमुखी का भव्य शृङ्गार होता है। मन्दिर के संचालक आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरण अयोध्या की युवा पीढ़ी के प्रतिनिधि सन्त हैं।
Shri Panchmukhi Mahadev Temple, Ayodhya
Shree Anadi Panchmukhi Mahadev Temple is situated on the Gopratar (Guptar) Ghat on the banks of river Saryu under the classical boundary of Shree Ayodhya Dham. Gopratar Ghat is one of the most important places of Shri Ayodhya Dham.
Greatness
According to Panchasya worship, the Shivling sitting here is made up of five faces. The general meaning of gender is symbol. Shiva is the symbol of the universe. His five-faced form is the symbol of the five elements. Describing whom it has been said in Vishnu Dharmattar: Sadyojatan Vamdevmaghoranch Mahabhuj. And Tatpurusham Gyeyamishanam Pancham Mukham. Sadyojat, Vamdev, Aghor, Tatpurush and Ishan are the five faces which represent earth, water, fire (fire), air and sky respectively. Such Shivlings in which the face is visible are called Mukhalinga. In Shivopasana, it has been said that the worship of idols leads to enjoyment, the worship of Linga leads to salvation and the worship of Mukhalinga achieves both enjoyment and salvation.
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Location
Under the supervision of Shri Laxman Fort, this pagoda is a big center of faith for the devotees of Ayodhya-Faizabad as well as elsewhere. At the end of 2012, after the Saketwas (death) of Mahant Ramapati Sharan ji, Mr. Maithili Ramanasharan ji, who is already Mahant of Acharyapeeth Shri Laxman Fort, was appointed as Mahant here.
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Events
In addition to the special worship-festivals of Mahashivratri and Shravan month, events are held here throughout the month in Adhikamas as well. Every Monday there is a grand decoration of Lord Panchmukhi. The director of the temple, Acharya Mithileshnandinisharan is a representative saint of the young generation of Ayodhya.
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