कैसे हुआ भगवान कृष्ण का जामवंती और सत्यभामा के साथ विवाह?
राजा स्त्राजित को मणि की प्राप्ति
स्त्राजित सूर्य नारायण भगवान का परम भक्त था। सूर्य देव उसे मित्र की भांति मानते थे। उन्होंने ही स्यमंतकमणि स्त्राजित को भेंट की थी। स्त्राजित मणि को गले में धारण कर द्वारिका में प्रविष्ट हुआ तो सब लोगों को लगा कि मानो स्वयं सूर्य देव स्वयं चले आ रहे हो।
स्त्राजित ने मणि को देवमंदिर में स्थापित करवा दिया। मणि से प्रतिदिन सोना उत्पन्न होता था और मणि जहां रहती वहां पर अकाल, महामारी, आदि व्याधि और मायावी लोग नहीं रह सकते थे।
राधा रानी जी का मनमोहक भजन: झूला झूलो री राधे रानी
एक बार श्री कृष्ण ने राजा उग्रसेन के लिए मणि मांगी तो स्त्राजित ने धन के लोभ में मना कर दिया। एक दिन स्त्राजित का छोटा भाई प्रसेन मणि गले में धारण कर घोड़े पर बैठकर शिकार करने वन में गया।
एक शेर ने स्त्राजित के भाई प्रसेन को उसके घोड़े सहित मार जब मणि लेकर गुफा में जाने लगा कि तो जामबंत नामक रीछ ने सिंह को मार डाला। जामवन्त में मणि लेकर अपने बालक को खिलौने के रूप में दे दी।
साध्वी पूर्णिमा जी का सबसे सुन्दर भजन: मुझे अपने ही रंग में रंग ले
राजा स्त्राजित को भाई के वापस ना आने पर चिंता होने लगी।वह सोचने लगा कि श्री कृष्ण ने उसके भाई प्रसेन को मार दिया होगा क्योंकि वह मणि गले में धारण कर वन में गया था।
श्री कृष्ण और जामबन्त युद्ध
भगवान श्री कृष्ण अपने ऊपर लगे हुए इस कलंक को मिटाने के लिए वन में प्रसेन को ढूंढने निकले। वहां वन में उन्होंने सिंह द्वारा प्रसेन और उसके घोड़े को मरे हुए देखा। फिर सिंह को रीछ के द्वारा मरा हुआ देखा। वहां भगवान श्री कृष्ण रीछों के राजा की अंधकार मय और भयानक गुफा में प्रविष्ट हुए। वहां श्री कृष्ण ने एक बालक को मणि के साथ खेलते हुए देखा। श्री कृष्ण को देखकर बालक की दाई जोर जोर से चिल्लाने लगी।
श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे
उसी समय जामबन्त वहां आया और वह भगवान श्री कृष्ण को साधारण मनुष्य जानकर युद्ध करने लगा। दोनों के मध्य अट्ठाइस दिन तक युद्ध होता रहा। श्री कृष्ण के प्रहार से जब जामबन्त का अंग अंग ढीला हो गया तो उन्होंने पहचान लिया कि आप तो मेरे इष्ट देव श्री राम है।
जामबन्त जी का श्री कृष्ण को मणि लौटाना श्री कृष्ण और जामबन्ती का विवाह
श्री कृष्ण जामबन्त जी से कहने लगे कि मैं इस गुफा में स्यमंतकमणि को लेने आया हूं ताकि अपने ऊपर मणि को चोरी करने के मिथ्या कलंक को दूर कर सकूं। इतना सुनते ही जामबन्त जी ने मणि श्री कृष्ण को भेंट कर दी। जामवन्त जी ने अपनी कन्या जामबन्ती का विवाह श्री कृष्ण से कर दिया।
श्री कृष्ण द्वारा स्यमंतकमणि स्त्राजित को लौटना श्री कृष्ण और सत्यभामा विवाह
श्री कृष्ण ने स्त्राजित को बुलाकर मणि उसे वापस लौटा दी। स्त्राजित श्री कृष्ण पर स्यमंतकमणि चुराने के मिथ्या आरोप के कारण बहुत लज्जित महसूस कर रहा था। स्त्राजित ने अपनी सुन्दर कन्या सत्यभामा का विवाह श्री कृष्ण के साथ करवा दिया और मणि भी श्री कृष्ण को भेंट करनी चाही।
कृष्ण जी का प्यारा भजन: बांके बिहारी से प्यार है
लेकिन श्री कृष्ण कहने लगे कि सूर्य देव ने यह मणि आप को भेंट की है इसलिए इसे आप ही रखें लेकिन इस मणि से जो स्वर्ण उत्पन्न होगा उसे तुम द्वारिका भेज देना।
How Lord Krishna got married with Jambavanti and Satyabhama
King Strajit receives the gem
Strajit was an ardent devotee of Lord Surya Narayana. Surya Dev considered him like a friend. He had gifted the Syamantakamani to Strajit. When Strajit entered Dwarka wearing the gem around his neck, everyone felt as if the Sun God himself was coming.
Strajit got Mani installed in the Dev temple. Every day gold was generated from the gem and where the gem lived, famine, epidemics, etc. diseases and elusive people could not live there.
Beautiful Bhajan of Radha Rani Ji: Jhula Jhulo Ri Radhe Rani
Once Shri Krishna asked for a gem for King Ugrasen, but Strajit refused out of greed for money. One day Prasen, the younger brother of Strajit, went to the forest for hunting with a gem around his neck.
When a lion killed Strajit's brother Prasen along with his horse and went to the cave with a gem, a bear named Jambant killed the lion. Taking a gem in Jamwant, she gave it to her son as a toy.
The most beautiful bhajan of Sadhvi Purnima ji: Mujhe Apne Hi Rang Me Rang Le
King Strajit started worrying when his brother did not return. He started thinking that Shri Krishna must have killed his brother Prasen because he had gone to the forest with the gem around his neck.
Sri Krishna and Jambant War
Lord Shri Krishna went out to find Prasen in the forest to remove this stigma on him. There in the forest he saw Prasena and his horse killed by a lion. Then saw the lion killed by the bear. There Lord Shri Krishna entered the dark and terrifying cave of the king of bears. There Shri Krishna saw a boy playing with a gem. Seeing Shri Krishna, the child's midwife started shouting loudly.
Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re
At the same time Jambant came there and started fighting considering Lord Shri Krishna to be an ordinary man. There was a war between the two for twenty-eight days. When Jambant's limbs became loose due to Shri Krishna's attack, he recognized that you are my favorite deity Shri Ram.
Jambant ji returns the gem to Shri Krishna Marriage of Shri Krishna and Jambanti
Shri Krishna told Jambant ji that I have come to this cave to take Syamantakamani so that I can remove the false stigma of stealing the gem. On hearing this, Jambant ji gifted the gem to Shri Krishna. Jamwant ji got his daughter Jambanti married to Shri Krishna.
Returning of Syamantakamani Strajit by Shri Krishna Shri Krishna and Satyabhama Marriage
Shri Krishna called Strajit and returned the gem to him. Strajit was feeling very ashamed because of the false allegation of stealing the Syamantakamani on Shri Krishna. Strajit got his beautiful daughter Satyabhama married to Shri Krishna and also wanted to present the gem to Shri Krishna.
Lovely hymn of Krishna ji: Banke Bihari Se Pyar Hai
But Shri Krishna started saying that Sun God has presented this gem to you, so keep it yourself, but the gold that will be generated from this gem, you should send it to Dwarka.
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
- जो प्रेम गली में आये नहीं
- कंस वध कथा
- हरि नाम नहीं तो जीना क्या
- श्री कृष्ण मोर मुकुट पर क्यों धारण करते हैं?
- कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा हरि शरण आने के बाद
- श्री कृष्ण ने अपने गुरु को क्या गुरु दक्षिणा दी
- यही तो भजन है
- श्री कृष्ण और सुदामा की कथा
- मेरा राम की कृपा से सब काम हो रहा है
- देवकी और वसुदेव को कैसे मिला श्री कृष्ण के माता पिता बनने का सौभाग्य
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।