:- करारविन्देन पदारविन्दं
कोरस :- करारविन्देन पदारविन्दं
M:- मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्
कोरस :- मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्
M:- वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं
कोरस :- वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं
M:- बालं मुकुन्दं मनसा स्मारामि
कोरस :- बालं मुकुन्दं मनसा स्मारामि
M:- जय हो
श्रीकृष्ण गोविनद हरे मुरारे
कोरस :- श्रीकृष्ण गोविनद हरे मुरारे
M:- हे नाथ नारायण वासुदेव
कोरस :- हे नाथ नारायण वासुदेव
M:- जिह्वे पिब स्व अमृतम् एतत्
कोरस :- जिह्वे पिब स्व अमृतम् एतत्
M:- गोविन्द दामोदर माधव इति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधव इति
M:- विक्रेतुकामाखिल गोपकन्या
कोरस :- विक्रेतुकामाखिल गोपकन्या
M:- मुरारिपादर्पितचित्तवृत्तिः
कोरस :- मुरारिपादर्पितचित्तवृत्तिः
M:- दध्यादिकं मोहवशादवोचद्
कोरस :- दध्यादिकं मोहवशादवोचद्
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- गृहे गृहे गोपवधूकदम्बः
कोरस :- गृहे गृहे गोपवधूकदम्बः
M:- सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम्
कोरस :- सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम्
M:- पुण्याणि नामानि पठन्ति नित्यम्
कोरस :- पुण्याणि नामानि पठन्ति नित्यम्
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- सुखं शयाना निलये निजेऽपि
कोरस:- सुखं शयाना निलये निजेऽपि
M:- नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मर्त्याः
कोरस :- नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मर्त्याः
M:- ते निश्चितं तन्मयतां व्रजन्ति
कोरस :- ते निश्चितं तन्मयतां व्रजन्ति
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- जिह्वे सदैवं भज सुन्दराणि
कोरस :- जिह्वे सदैवं भज सुन्दराणि
M:- नामानि कृष्णस्य मनोहराणि
कोरस :- नामानि कृष्णस्य मनोहराणि
M:- समस्त-भक्तार्तिविनाशनानि
कोरस :- समस्त-भक्तार्तिविनाशनानि
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- सुखावसाने इदमेव सारं
कोरस :- सुखावसाने इदमेव सारं
M:- दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्
कोरस :- दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्
M:- देहावसाने इदमेव जाप्यं
कोरस :- देहावसाने इदमेव जाप्यं
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश
कोरस :- श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश
M:- गोपाल गोवर्धननाथ विष्णो
कोरस :- गोपाल गोवर्धननाथ विष्णो
M:- जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव
कोरस :- जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव
M:- गोविन्द दामोदर माधवेति
कोरस :- गोविन्द दामोदर माधवेति
M:- इस दामोदर स्त्रोत को जो भी भक्त श्रद्धा पूर्वक 1001 बार पाठ करेंगे जगत
पिता परमात्मा योगेश्वर नाथ श्री कृष्णा जी उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण
करेंगे आइये अन्तः करण के शुद्ध भाव से प्रार्थना करे
जेहि बिधि नाथ होइ हित मोरा
कोरस :- जेहि बिधि नाथ होइ हित मोरा
M:- करहु सो बेगि दास मैं तोरा
कोरस :- करहु सो बेगि दास मैं तोरा
M:- दिन दयाल विरुद्ध संभारि
कोरस :- दिन दयाल विरुद्ध संभारि
M:- हरहु नाथ मम संकट भारी
कोरस :- हरहु नाथ मम संकट भारी
M:- है प्रभु सो तुम जानहु अन्तर्यामी
कोरस :- सो तुम जानहु अन्तर्यामी
M:- पुरवहु मोर मनोरथ स्वामी
कोरस :- पुरवहु मोर मनोरथ स्वामी
M:- सीताराम सीताराम राधेश्याम राधेश्याम
कोरस :- सीताराम सीताराम राधेश्याम राधेश्याम
M:- सीताराम जय सीताराम राधेश्याम जय राधेश्याम
सीताराम जय सीताराम राधेश्याम जय राधेश्याम
जय घनश्याम जय घनश्याम जय घनश्याम
जय घनश्याम जय घनश्याम जय घनश्याम
जय घनश्याम जय घनश्याम जय घनश्याम
वंशी विभूषित करा नवनीर दाभात् पीताम्बरा दरुण बिंब फला धरोष्ठात्
पूर्णेन्दु सुन्दर मुखादर बिंदु नेत्रात् कृष्णात परम किमपि तत्व महम नजानि
बोलिये श्री वृन्दावन बिहारी लाल की जय हो
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