Current Date: 20 Dec, 2024

श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti)

- The Lekh


श्री बृहस्पति देव की आरती हिंदी में (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti In Hindi)

हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है। गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की आरती करने का विधान माना जाता है, अतः श्री बृहस्पति देव की आरती निम्न लिखित है।

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

गणेश जी का सबसे मनमोहक भजन: तेरी जय हो गणेश

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

हनुमान जी की सबसे मधुर आरती: हनुमान आरती

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

श्री बृहस्पति देव की आरती अंग्रेजी में (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti In English)

In Hindu religion, Brihaspati Dev is considered the Guru of all the gods. It is considered a law to perform the aarti of Brihaspati Dev during Thursday's fast, so the aarti of Shri Brihaspati Dev is written below.

Jai Brihaspati Deva,
Om Jai Vrhaspati Deva ।
Chhin Chhin Bhog Laga‌on,
Kadli Phal Meva ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Tum Puran Paramatma,
Tum Antaryami ।
Jagatapita Jagadishvar,
Tum Sabake Swami ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

The most adorable hymn of Ganesha: Teri Jai Ho Ganesh

Charanamrt Nij Nirmal,
Sab Patak Harta ।
Sakal Manorath Dayak,
Kripa Karo Bharta ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Tan, Man, Dhan Arpan Kar,
Jo Jan Sharan Pade ।
Prabhu Prakat Tab Hokar,
Aakar Dwar Khade ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Sweetest Aarti of Hanuman ji: Hanuman Aarti

Deenadayal Dayanidhi,
Bhaktan Hitakari ।
Paap Dosh Sab Harta,
Bhav Bandhan Haree ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Sakal Manorath Dayak,
Sab Sanshay Haro ।
Vishay Vikar Mita‌o,
Santan Sukhakari॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

Jo Koi Aarti Teri,
Prem Sahit Gave ।
Jethanand Aanandakar,
So Nishchay Pave ॥

॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥

Sab Bolo Vishnu Bhagawan Ki Jai ॥
Bolo Brihaspati Bhagawan Ki Jai ॥

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