Current Date: 22 Nov, 2024

श्री भैरव आरती

- Sanjay Gulati


M:-        ॐ जय भैरव देवा स्वामी जय  भैरव देवा 
सुर नर मुनि जन सेवत सुर नर मुनि जन सेवत करते तेरी सेवा 
ॐ जय भैरव देवा
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा स्वामी जय  भैरव देवा 
सुर नर मुनि जन सेवत सुर नर मुनि जन सेवत करते तेरी सेवा 
ॐ जय भैरव देवा

M:-        तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
कोरस :-     स्वामी दुख सिंधु तारक
M:-        भक्तों के सुख कारकभक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा

M:-        वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
कोरस :-     स्वामी कर त्रिशूल धारी।
M:-        महिमा अमिट तुम्हारी महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा

M:-        तुम बिन शिव की सेवा सफल नहीं हॉवे 
कोरस ;-     स्वामी सफल नहीं हॉवे 
M:-        चौमुख दीपक दर्शन चौमुख दीपक दर्शन दुख खोवे 
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा

M:-        तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कोरस :-     स्वामी भाषावलि तेरी।
M:-        कृपा कीजिये  भैरव कृपा कीजिये  भैरव करिए नहीं देरी।।
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा

M:-        पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
कोरस ;-     स्वामी अरु डमरू डमकावत।।
M:-        बटुकनाथ बन बालक बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा

M:-        बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।
कोरस :-     स्वामी आरती जो कोई नर गावें।
M:-        कहें धरणीधर हर जन कहें धरणीधर हर जन  मनवांछित फल पावें।।
ॐ जय भैरव देवा
कोरस :-     ॐ जय भैरव देवा स्वामी जय  भैरव देवा 
सुर नर मुनि जन सेवत सुर नर मुनि जन सेवत करते तेरी सेवा 
ॐ जय भैरव देवा

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