Current Date: 19 Nov, 2024

श्री विष्णु स्तुति

- Traditional


   लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम , नारायण श्री विष्णु हरे |
    पावन धामम कृत कल्याणं ,ललित ललामाम विष्णु हरे 
    विष्णु हरे श्री विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री विष्णु हरे 
    विष्णु हरे विष्णु हरे ,नारायण श्री विष्णु हरे 
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे |,कोमल वदनं पंकज नयनम 
    अद्भुत रुपम विष्णु हरे,    तिलक कपालम उज्जवल भालम
    मृदुल कपोलम विष्णु हरे |,    विष्णु हरे  श्री  विष्णु हरे ,
    प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे,विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे
    नारायण श्री  विष्णु हरे……………………………
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम .नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे………………
    सच्चिदानंदं आनंद  कंदम .घन इव श्यामम विष्णु हरे
    कलिमल  हरणं तारण तरणं.कल्प  ध्रुवंतवाम विष्णु हरे 
    विष्णु हरे  श्री  विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
     विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे.नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम .नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे |……………………………
    सरस सुवासं भृकुटि विलासं,कृत परिहासम विष्णु हरे 
    वीपीने भरणं  आनंद रमणं ,भज गोविन्दम विष्णु हरे 
    विष्णु हरे  श्री  विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
     विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे,नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे …………………………………
    त्वमर पुदमनम भव भय हरणं ,काली अमरदन विष्णु हरे 
    परमोदरं धवल तुषारं,विश्वाधारं विष्णु हरे 
    विष्णु हरे  श्री  विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
    विष्णु हरे श्री  विष्णु हरेनारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे |……………………………….
    नित नव वेशम कृष्ण सुकेशं ,त्वम् शी बृजेशः विष्णु हरे 
    पाड़ो चक्रम पद्म हनु शंखं ,चतुर्भुजम श्री विष्णु हरे 
    विष्णु हरे श्री विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
    विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे,नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे |,चंचल चित्तं 
    चपल निमेशं,बालक रुपम विष्णु हरे  
    पग नु पूजम शनैः चलन्तं ,    मनो हरंतं विष्णु हरे 
    विष्णु हरे श्री विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
    विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे,नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे
    नारायण श्री विष्णु हरे |……………………….
    भक्ता धिनम परम प्रवीणं,    नवनीतम इव विष्णु हरे 
    गुणगम्भीरं अति मति धीरम ,दिव्य शरीरम विष्णु हरे 
    विष्णु हरे श्री विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
    विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे,नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे
    नारायण श्री विष्णु हरे |…………………
    मंजुल वदनं मंजुल हसनं,मंजुल वसनं विष्णु हरे 
    मंजुल युक्तं मंजुल भुक्तं ,जयतु जयति श्री विष्णु हरे 
    विष्णु हरे श्री विष्णु हरे ,प्रेमांजन श्री  विष्णु हरे
    विष्णु हरे श्री  विष्णु हरे,नारायण श्री  विष्णु हरे
कोरस :-    लष्मीकान्तं वसति वैकुंठम ,नारायण श्री विष्णु हरे |
    नारायण श्री विष्णु हरे |………………………………….
 

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