भजश्री राम नाम रघुनन्दन
नैनन राम छवि भर भंजन
राम लखन सिय हिरदे बसा लो
स्वास स्वास पर राम लिखा लो
2.
राम नाम अति अनुपम उत्तम
राम नाम ही है पुरुसोत्तम
राम नाम भाव सिंधु अपारा
सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा
3.
राम नाम जप प्रातः संध्या
आबने मनको बना अयोध्या
राम छवि स्थापित करले
हिरदे पटल विस्थापित करले
4.
राम लला संग प्रीत लगाले
प्रीत का तू संगीत बना ले
घुंघरू बांध ले तू भक्ति का
यही मांगे मंकी तृप्ति का
5.
राम नाम की फेरले माला
राम नाम की ओढ़ दुशाला
राम नाम का पावन सागर
भरले तू निज मन की गागर
6.
राम ही नैया राम ही खिवैया
राम ही भव से पार लगैया
राम नाम से पार लगेगा
वरना तू मझधार फसेगा
7.
रामलला के करलो दर्शन
क्रोध लोभ सब करलो अर्पण
हो जायेगा तन मन शीतल
सोना है क्यों बना है पीतल
8.
राम नाम का डीप जगाके
मन अँधियारा दूर भगाके
श्याम को तू प्रकाशित कर ले
उत्तम पद तू शासित करले
9.
राम नाम की धुप खिली है
राम के संग अनूप खिली है
राम ऊष्मा जो पायेगा
राम मई वो हो जायेगा
10
राम नाम ही सत्य जगत में
राम सिवा सब व्यर्थ जगत में
राम रतन धन जिसने पाया
राम शरण पद उसने पाया
11.
राम राम या मरा मरा कह
मुखसे अपने कुछ भी जरा कह
राम नाम उच्चारण होगा
रामहि राम सुहावना होगा
12.
दोहा :- राम धारा बह रही डुबकी लगाले यार
भव भव की भटकन मिटे हो जाये उद्धार
13.
राम नाम के चुनले मोती
राम नाम माला मणियो की
जायेगा जब हंस अकेला
मिलेगा तुझको राम खटोला
14.
राम नाम है सच्चा हिरा
राम नाम भज कहे कबीरा
राम राम ब्रम्हांड समाया
जल थल नभ सब राम की माया
15.
राम ही नदिया राम ही सागर
राम नाम तिहु लोक उजागर
राम नाम पाषाण तैरते
प्राण नहीं निरप्राण तैरते
16.
राम नाम से धरा है संचित
मत रह राम नाम से वंचित
राम नाम है प्राण आधार
अंत समय यही नाम सहारा
17.
राम नाम हनुमान ने ध्याया
तिंहु लोक परम पद पाया
हनुमान बिन राम अधूरे
हनुमान से ही राम है पुरे
18.
छूके चरण अतीत्या तर गयी
नाम अमर माँ शबरी कर गयी
शरण विभीषण राम के आया
राम ने लंका पति बनाया
19.
राम चरण खेवट ने धोया
साथ कुटुम्ब राम माध होया
मरा जटायु गोद राम की
अनुपम पावन गोद राम की
२०
अंत समय रावण का आया
राम नाम जिव्हा पर आया
राम नाम की बैठ सवारी
रावण बना स्वर्ग अधिकारी
21.
उठते बैठते सोते जागते
राम नाम तुम रहो सुमिरते
राम नाम ने खिजा मनवा
सिय राम का होजा मनवा
23.
रामनाम सुखदेव पुकारे
बसों राम तुम हिरदे हमारे
मम अपराध क्षमा तुम करना
हमको भी राम अवध में रहना
24.
दोहा :- राम नाम की लूट है
लूट सके तो लूट
अंत समय पछतायेगा
प्राण जायेंगे छूट
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