Current Date: 31 Oct, 2024

माँ कात्यायनी की स्तुति (Shree Katyayani Stuti)

- Prem Prakash Dubey


माँ कात्यायनी की स्तुति लिरिक्स हिंदी में (Shree Katyayani Stuti Lyrics in Hindi)

नमस्ते   त्रिजगद्वन्द्ये   संग्रामे    जयदायिनि।
प्रसीद   विजयं   देहि   कात्यायनि  नमोSस्तुते।।1।।
 
सर्वशक्तिमये दुष्टरिपुनिग्रहकारिणि।
दुष्टजृम्भिणि   संग्रामे   जयं   देहि  नमोSस्तुते।।2।।
 
त्वमेका   परमा   शक्ति:   सर्वभूतेष्ववस्थिता।
दुष्टं  संहर  संग्रामे  जयंदेहि      नमोSस्तुते।।3।।
 
रणप्रिये    रक्तभक्षे  मांसभक्षणकारिणि।
प्रपन्नार्तिहरे  युद्धे   जयं  देहि  नमोSस्तुते।।4।।
 
खट्वांगासिकरे मुण्डमालाद्योतितविग्रहे।
येत्वां  स्मरन्ति  दुर्गेषु  तेषांदु:खहराभव।।5।।
 
त्वत्पादपंकजाद्दैन्यं   नमस्ते    शरणप्रिये।
विनाशयरणेशत्रून्जयंदेहिनमोSस्तुते।।6।।
 
अचिन्त्यविक्रमेSचिन्त्यरूपसौन्दर्यशालिनि।
अचिन्त्यचरितेSचिन्त्येजयंदेहिनमोSस्तुते।।7।।
 
येत्वांस्मरन्तिदुर्गेषुदेवींदुर्गविनाशिनीम्।
नावसीदन्ति  दुर्गेषु  जयं  देहिनमोSस्तुते।।8।।
 
महिषासृक्प्रिये   संख्ये   महिषासुरमर्दिनि।
शरण्येगिरिकन्येमेजयंदेहिनमोSस्तुते।।9।।
 
प्रसन्नवदने       चण्डि     चण्डासुरमर्दिनि।
संग्रामे  विजयंदेहिशत्रूण्जहिनमोSस्तुते।।10।।
 
रक्ताक्षि    रक्तदशने   रक्तचर्चितगात्रके।
रक्तबीजनिहन्त्रीत्वंजयंदेहिनमोSस्तुते।।11।।
 
निशुम्भशुम्भसंहन्त्रि  विश्वकर्त्रि  सुरेश्वरि।
जहिशत्रूण्रणेनित्यंजयंदेहिनमोSस्तुते।।12।।
 
भवान्येतज्जगत्सर्वं  त्वं  पालयसि  सर्वदा।
रक्ष  विश्वमिदंमातर्हत्वैतान्दुष्टराक्षसान्।।13।।
 
त्वंहि  सर्वगता  शक्तिर्दुष्टमर्दनकारिणि।
प्रसीदजगतांमातर्जयं  देहिनमोSस्तुते।।14।।
 
दुर्वृत्तवृन्ददमनि    सद्वृत्तपरिपालिनि।
निपातय  रणे  शत्रूण्जयंदेहिनमोSस्तुते।।15।।
 
कात्यायनि  जगन्मात:   प्रपन्नार्तिहरे  शिवे।
संग्रामे   विजयं  देहि  भयेभ्य:  पाहि  सर्वदा।।16।।
 
।।इति श्री महा भागवते महा पुराणे श्री राम कृता कात्यायनि स्तुति: सम्पूर्णा।।

माँ कात्यायनी की स्तुति लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Katyayani Stuti Lyrics in English)

Namaste   trijagadvandye   sangraame    jayadaayini.
Prasiid   vijayam   dehi   kaatyaayani  namosstute..1..
 
Sarvashaktimaye dushṭaripunigrahakaariṇi.
Dushṭajṛmbhiṇi   sangraame   jayam   dehi  namosstute..2..
 
Tvamekaa   paramaa   shakti:   sarvabhuuteshvavasthitaa.
Dushṭam  samhar  sangraame  jayandehi      namosstute..3..
 
Raṇapriye    raktabhakshe  maansabhakshaṇakaariṇi.
Prapannaartihare  yuddhe   jayam  dehi  namosstute..4..
 
Khaṭvaangaasikare muṇḍamaalaadyotitavigrahe.
Yetvaan  smaranti  durgeshu  teshaandu:khaharaabhava..5..
 
Tvatpaadapankajaaddainyam   namaste    sharaṇapriye.
Vinaashayaraṇeshatruunjayandehinamosstute..6..
 
Achintyavikrameschintyaruupasowndaryashaalini.
Achintyachariteschintyejayandehinamosstute..7..
 
Yetvaansmarantidurgeshudeviindurgavinaashiniim.
Naavasiidanti  durgeshu  jayam  dehinamosstute..8..
 
Mahishaasṛkpriye   sankhye   mahishaasuramardini.
Sharaṇyegirikanyemejayandehinamosstute..9..

Prasannavadane       chaṇḍi     chaṇḍaasuramardini.
Sangraame  vijayandehishatruuṇjahinamosstute..10..
 
Raktaakshi    raktadashane   raktacharchitagaatrake.
Raktabiijanihantriitvanjayandehinamosstute..11..
 
Nishumbhashumbhasamhantri  vishvakartri  sureshvari.
Jahishatruuṇraṇenityanjayandehinamosstute..12..
 
Bhavaanyetajjagatsarvam  tvam  paalayasi  sarvadaa.
Raksh  vishvamidammaatarhatvaitaandushṭaraakshasaan..13..
 
Tvamhi  sarvagataa  shaktirdushṭamardanakaariṇi.
Prasiidajagataanmaatarjayam  dehinamosstute..14..
 
Durvṛttavṛndadamani    sadvṛttaparipaalini.
Nipaatay  raṇe  shatruuṇjayandehinamosstute..15..
 
Kaatyaayani  jaganmaat:   prapannaartihare  shive.
Sangraame   vijayam  dehi  bhayebhy:  paahi  sarvadaa..16..
 
..Iti shrii mahaa bhaagavate mahaa puraaṇe shrii raam kṛtaa kaatyaayani stuti: sampuurṇaa..

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