Current Date: 22 Dec, 2024

शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)

- Shree Kalicharan Ji Maharaj


शिव तांडव स्तोत्रम् संस्कृत में (Shiv Tandav Stotram In Sanskrit)

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले

गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।

डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं

चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी

विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।

धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके

किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥

 

धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर

स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।

कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि

क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥

 

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा

कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।

मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे

मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥

 

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर

प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।

भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक

श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥

शिव : नमस्काराथा मंत्र

ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा

निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।

सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं

महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥

 

करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल

द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।

धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक

प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥

 

नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्

कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।

निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः

कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥

 

प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा

वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।

स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं

गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी

रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।

स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं

गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥

 

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस

द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।

धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल

ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥

 

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्

गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।

तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः

समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥१२॥

 

कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्

विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।

विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः

शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥

कालभैरव अष्टकम

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-

निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।

तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं

परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥

 

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी

महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।

विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः

शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥१५॥

 

इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं

पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।

हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं

विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥१६॥

 

पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं

यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।

तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां

लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

इति श्रीरावण कृतम्

शिव ताण्डव स्तोत्रम्सम्पूर्णम्

शिव तांडव स्तोत्रम् अंग्रेजी में (Shiv Tandav Stotram In English)

॥ Shriganeshay Namah ॥

Jatatavigalajjala Pravahapavitasthale

Galeavalambya Lambitam Bhujangatungamalikam ।

Damad Damad Damaddama Ninadavadamarvayam

Chakara Chandtandavam Tanotu Nah Shivah Shivam ॥ 1 ॥

Prayer to Bhole Baba: Aaya Hoon Bhole Main Tere Dwar

Jata Kata Hasambhrama Bhramanilimpanirjhari

Vilolavichivalarai Virajamanamurdhani ।

Dhagadhagadhagajjva Lalalata Pattapavake

Kishora Chandrashekhare Ratih Pratikshanam Mama ॥ 2 ॥

 

Dharadharendrana Ndinivilasabandhubandhura

Sphuradigantasantati Pramodamanamanase ।

Krupakatakshadhorani Nirudhadurdharapadi

Kvachidigambare Manovinodametuvastuni ॥ 3 ॥

 

Jata Bhujan Gapingala Sphuratphanamaniprabha

Kadambakunkuma Dravapralipta Digvadhumukhe ।

Madandha Sindhu Rasphuratvagutariyamedure

Mano Vinodamadbhutam Bibhartu Bhutabhartari ॥ 4 ॥

 

Sahasra Lochana Prabhritya Sheshalekhashekhara

Prasuna Dhulidhorani Vidhusaranghripithabhuh ।

Bhujangaraja Malaya Nibaddhajatajutaka

Shriyai Chiraya Jayatam Chakora Bandhushekharah ॥ 5 ॥

Shiva : Namaskaratha Mantra

Lalata Chatvarajvaladhanajnjayasphulingabha

Nipitapajnchasayakam Namannilimpanayakam ।

Sudha Mayukha Lekhaya Virajamanashekharam

Maha Kapali Sampade Shirojatalamastunah ॥ 6 ॥

 

Karala Bhala Pattikadhagaddhagaddhagajjvala

Ddhanajnjaya Hutikruta Prachandapajnchasayake ।

Dharadharendra Nandini Kuchagrachitrapatraka

Prakalpanaikashilpini Trilochane Ratirmama ॥ 7 ॥

 

Navina Megha Mandali Niruddhadurdharasphurat

Kuhu Nishithinitamah Prabandhabaddhakandharah ।

Nilimpanirjhari Dharastanotu Krutti Sindhurah

Kalanidhanabandhurah Shriyam Jagaddhurandharah ॥ 8 ॥

 

Praphulla Nila Pankaja Prapajnchakalimchatha

Vdambi Kanthakandali Raruchi Prabaddhakandharam ।

Smarachchidam Purachchhidam Bhavachchidam Makhachchidam

Gajachchidandhakachidam Tamamtakachchidam Bhaje ॥ 9 ॥

The most charming bhajan of Hansraj Raghuwanshi : Parvati Boli Shankar Se

Akharvagarvasarvamangala Kalakadambamajnjari

Rasapravaha Madhuri Vijrumbhana Madhuvratam ।

Smarantakam Purantakam Bhavantakam Makhantakam

Gajantakandhakantakam Tamantakantakam Bhaje ॥ 10 ॥

 

Jayatvadabhravibhrama Bhramadbhujangamasafur

Dhigdhigdhi Nirgamatkarala Bhal Havyavat ।

Dhimiddhimiddhimidhva Nanmrudangatungamangala

Dhvanikramapravartita Prachanda Tandavah Shivah ॥ 11 ॥

 

Drushadvichitratalpayor Bhujanga Mauktikasrajor

Garishtharatnaloshthayoh Suhrudvipakshapakshayoh ।

Trushnaravindachakshushoh Prajamahimahendrayoh

Sama Pravartayanmanah Kada Sadashivam Bhaje ॥ 12 ॥

 

Kada Nilimpanirjhari Nikujnjakotare Vasanh

Vimuktadurmatih Sada Shirah Sthamajnjalim Vahanh ।

Vimuktalolalochano Lalamabhalalagnakah

Shiveti Mantramuchcharan Sada Sukhi Bhavamyaham ॥ 13 ॥

Kaalbhairav Ashtakam

Nilimp Nathnagari Kadamb Maulamallika-

Nigumphanibharksharanam Dhushnikamnohar: ।

Tanotu No Manomudam Vinodininamhanishan

Parishray Paran Padan Tadgajatvishayan Chyah ॥ 14 ॥

 

Prachanda Vadwanal Prabhashubhapracharani

Mahashtasiddhikamini Janavahoot Jalpana ।

Vimukt Vaam Lochno Vivahkalikdhwanihi

Shiveti Mantrabhusha Jagjjaya Jayatam ॥ 15 ॥

 

Idam Hi Nityameva Muktamuttamottamam Stavam

Pathansmaran Bruvannaro Vishuddhimeti Santatam ।

Hare Gurau Subhaktimashu Yati Nanyatha Gatim

Vimohanam Hi Dehinam Sushankarasya Chintanam ॥ 16 ॥

 

Puja Vasanasamaye Dashavaktragitam,

Yah Shambhupujanaparam Pathati Pradoshhe ।

Tasya Sthiram Rathagajendraturangayuktam,

Lakshmim Sadaiva Sumukhim Pradadati Shambhuh ॥ 17 ॥

Melodious hymn of Jubin Nautiyal : Mere Bhole Nath

Iti Shriravan Kritam

Shiv Tandav Stotram Sampoornam

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।