Current Date: 18 Nov, 2024

शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो

- मधुस्मिता


शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो
शिव करुणा की छैया में शाम ढ़ले विश्राम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो
शिव करुणा की छैया में शाम ढ़ले विश्राम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो

साँसों की में ताल पे मेरी भक्ति शिव शिव गायें
शिव दीवानी रसना को कोई दूजा गीत ना भायें
जब तक जीवन जोत जले मेरे होठों पे शिव नाम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो

नमः शिवाय ओम नमः शिवाय बोल के पलके खोलूँ
शिव सागर में स्नान करूँ में हृदय का दर्पण धोलूं
मोह माया से दूर रहूँ में श्रद्धा मेरी निष्काम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो

काल का भय ना हो मन में मेरा अंत समय जब आए
शिव मूरत हो नैनो में शिव धाम ये आता जाये
जहाँ मेरे शिव का डेरा है वही पे मेरा धाम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो

शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो
शिव करुणा की छैया में शाम ढ़ले विश्राम हो
शिव सुमिरन से सुबह शुरू हो शिव मंदिर में शाम हो
शिव करुणा की छैया में शाम ढ़ले विश्राम हो

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