Current Date: 07 Jan, 2025

शिव शंकर चले रे कैलाश

- Tripti Shakya


शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

गौरा जी ने बोई दई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने बोई दई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने बोई दई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

गौरा जी ने सींच दई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने सींच दई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने सींच दई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

गौरा जी ने काट लई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने काट लई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने काट लई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

गौरा जी ने पीस लई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने पीस लई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने घोट लई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

गौरा जी की रच गयी हरी हरी मेहंदी
गौरा जी की रच गयी हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा को चढ़ गयी भांग
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी

Credit Details :

Song: Shiv Shankar Chale Re Kailash
Singer: Tripti Shakya
Music Director: Dhananjay Mishra
Lyrics: Traditional

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