🎵शिव शंकर चले रे कैलाश🎵
🙏 गायक: तृप्ति शाक्य
🎼 संगीत: धनंजय मिश्रा
विवरण:
शिव शंकर चले कैलाश भजन त्रिप्ती शाक्य द्वारा गाया गया है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती जी की भक्ति और उनके पवित्र संबंधों का सुंदर रूप से चित्रण किया गया है। इस भजन में गौरा जी द्वारा हरी हरी मेहंदी और भोले बाबा द्वारा भांग का प्रयोग दर्शाया गया है, जो शिव जी की महिमा और उनके अनमोल आशीर्वाद को प्रस्तुत करता है। इस भजन के साथ भगवान शिव की कृपा का अनुभव करें और भक्ति में डूब जाएं।
गीत के बोल:
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
गौरा जी ने बोई दई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने बोई दई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने बोई दई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
गौरा जी ने सींच दई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने सींच दई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने सींच दई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
गौरा जी ने काट लई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने काट लई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने काट लई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
गौरा जी ने पीस लई हरी हरी मेहंदी
गौरा जी ने पीस लई हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा ने घोट लई भांग
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
गौरा जी की रच गयी हरी हरी मेहंदी
गौरा जी की रच गयी हरी हरी मेहंदी
भोले बाबा को चढ़ गयी भांग
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
शिव शंकर चले कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
भोले बाबा चले रे कैलाश
की बुंदिया पड़ने लगी
Credit Details :
Song: Shiv Shankar Chale Re Kailash
Singer: Tripti Shakya
Music Director: Dhananjay Mishra
Lyrics: Traditional
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।