🎵नमामि शमीशान🎵
🙏 गायक: शर्मा बंधु
🎼 संगीत: गोविंद और दिनेश
विवरण:
नमामी शमीशन भगवान शिव के महिमामंडन और उनकी दिव्य शक्तियों का प्रतीक है। इस भजन में भगवान शिव के रूप, उनकी गूढ़ और शक्तिशाली आभा, और उनकी उपासना के महत्व को प्रस्तुत किया गया है। भजन में शिव के निराकार रूप से लेकर उनके त्रिशूल, मुण्डमाला, और रुद्राभाव तक की विस्तृत जानकारी दी जाती है।
भगवान शिव के प्रति समर्पण और उनकी कृपा प्राप्ति की भावना इस भजन में गहराई से व्यक्त की गई है। यह भजन उन भक्तों के लिए है जो महाकाल की भक्ति में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और जीवन में शांति तथा मुक्ति की प्राप्ति की आकांक्षा रखते हैं।
इस भजन के माध्यम से, श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना में डूबते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। "जय श्री महाकाल!"
गीत के बोल:
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,
चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ।।
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं,
गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं,
गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं,
मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा,
लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा ।।
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं,
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं,
प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं,
अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं,
भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ।।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी,
सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी ।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी,
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं,
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं,
प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजा,
न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,
प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ।।
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति ।।
।। इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं
श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ।।
Credit Details :
Song: Namami Shamishan
Singer: Sharma Bandhu
Music Directors: Govind, Dinesh
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