🎵लिखने वाले लिख-लिख हारे🎵
🙏 गायक: रवींद्र जैन
🎼 संगीत: रवींद्र जैन
विवरण:
लिखने वाले लिख लिख हारे भजन रविंद्र जैन द्वारा भगवान शिव की अनमोल महिमा और कृपा को प्रस्तुत करता है। इस भजन में शिव की दया और महानता का अद्भुत चित्रण किया गया है। भस्मासुर पर शिव की कृपा, समुद्र मंथन से निकलने वाले गरल को पीकर संसार को बचाना, और हर प्राणी के प्रति उनकी दया को इस भजन में beautifully दिखाया गया है। शिव के उग्र और दयालु रूपों को समझते हुए यह भजन उनके अनमोल आशीर्वाद की महिमा को दर्शाता है।
गीत के बोल:
लिखने वाले लिख लिख हारे,
शिव की अमर कहानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी,
सच कहते है अधिक ही भोले,
सच कहते है अधिक ही भोले,
तुम्हरे नाथ भवानी, भवानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी.......
भस्मासुर पर कृपा लुटाई,
अपनी विपदा आप बुलाई,
हरी ने हर की रक्षा की तब,
हरी ने हर की रक्षा की तब,
बनकर नारी सुहानी, सुहानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी......
सिंधु से निकला गरल पचाया,
श्रष्टि को जलने से बचाया,
भूतनाथ पर उपकारी को,
भूतनाथ पर उपकारी को,
प्यारा है हर प्राणी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी.......
शिवजी को जल बहुत सुहाए,
फिरते है गंगा सिर पे उठाए,
जो मांगो वरदान में दे दे,
जो मांगो वरदान में दे दे,
पा लुटिया भर पानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी.......
Credit Details :
Song: Likhne Wale Likh Likh Haare
Singer: Ravindra Jain
Lyrics: Ravindra Jain
Music: Ravindra Jain
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