Current Date: 20 Jan, 2025

लिखने वाले लिख लिख हारे

- Ravindra Jain


लिखने वाले लिख लिख हारे,
शिव की अमर कहानी।।

लिखने वाले लिख लिख हारे,
शिव की अमर कहानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी,
सच कहते है अधिक ही भोले,
सच कहते है अधिक ही भोले,
तुम्हरे नाथ भवानी, भवानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी।।

भस्मासुर पर कृपा लुटाई,
अपनी विपदा आप बुलाई,
हरी ने हर की रक्षा की तब,
हरी ने हर की रक्षा की तब,
बनकर नारी सुहानी, सुहानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी।।

सिंधु से निकला गरल पचाया,
श्रष्टि को जलने से बचाया,
भूतनाथ पर उपकारी को,
भूतनाथ पर उपकारी को,
प्यारा है हर प्राणी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी।।

शिवजी को जल बहुत सुहाए,
फिरते है गंगा सिर पे उठाए,
जो मांगो वरदान में दे दे,
जो मांगो वरदान में दे दे,
पा लुटिया भर पानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी।।

लिखने वाले लिख लिख हारे,
शिव की अमर कहानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी, सदाशिव,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी,
सच कहते है अधिक ही भोले,
सच कहते है अधिक ही भोले,
तुम्हरे नाथ भवानी, भवानी,
रीझे तो सुर असुर ना देखे,
ऐसे औघड़ दानी।।

Credit Details :

Song: Likhne Waale Likh Likh Haare
Singer: Ravindra Jain
Lyrics: Rajendra Jain

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